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लखनऊ में सड़क किनारे मिला आइएएस अधिकारी का शव

आईएएस अधिकारी अनुराग त्रिपाठी का जन्मदिन ही उनकी मौत का दिन बन गया। लखनऊ में सड़क किनारे उनका शव पड़ा मिला।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Wed, 17 May 2017 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 17 May 2017 07:48 PM (IST)
लखनऊ में सड़क किनारे मिला आइएएस अधिकारी का शव
लखनऊ में सड़क किनारे मिला आइएएस अधिकारी का शव

लखनऊ (जेएनएन)। मीराबाई मार्ग स्थित वीआइपी गेस्ट हाउस में एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के साथ ठहरे कर्नाटक के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी (36) की बुधवार सुबह संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव गेस्ट हाउस से करीब 50 मीटर की दूरी पर बीच सड़क औंधे मुंह पड़ा मिला। नाक से खून बह रहा था और ठुड्डी पर गहरी चोट थी। मूलरूप से बहराइच के निवासी अनुराग कर्नाटक के नगवार में डायरेक्टर फूड एंड सप्लाई के पद पर तैनात थे। वर्ष 2007 बैच के आइएएस अधिकारी अनुराग का बुधवार को ही जन्मदिन था और उन्हें फ्लाइट से वापस कर्नाटक जाना था। वह गेस्ट हाउस के कमरे से कब निकले यह स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अनुराग की उनकी पत्नी अरुणिमा से लंबे समय से अनबन भी चल रही थी। 

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बहराइच के कानूनगोपुरवा निवासी अनुराग तिवारी रविवार को लखनऊ आए थे और यहां वीआइपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 19 में ठहरे थे। कमरा एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के नाम बुक था। मंगलवार रात दोनों अधिकारी कमरा नंबर 19 मेंं ही ठहरे थे। इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही के मुताबिक, एलडी वीसी ने सुबह 6:30 बजे का अलार्म लगाया था। वह बुधवार सुबह जब जागे, तब अनुराग कमरे में नहीं थे। एलडीए वीसी ने पुलिस को बताया कि उन्हें लगा कि अनुराग टहलने गए हैं। वह सुबह करीब 6:45 बजे बैडमिंटन खेलने चले गए थे और कमरे की चाबी रिसेप्शन पर दे दी थी, ताकि अनुराग के वापस आने पर उन्हें मिल जाए। अनुराग का मोबाइल कमरे में ही चार्जर पर लगा था, जबकि वह लोअर-शर्ट व चप्पल पहनकर कमरे से निकले थे। अनुराग की जेब में उनका पर्स था। पुलिस को सुबह करीब छह बजे किसी ने 100 नंबर पर वीआइपी गेस्ट हाउस के पास एक व्यक्ति के बीच सड़क पर पड़े होने की सूचना मिली। तब मौके पर पहुंची पुलिस अनुराग को उठाकर सिविल अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पर्स से मिले विजिटिंग कार्ड के जरिये अनुराग की पहचान होने पर हड़कंप मच गया। आइएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना पाकर आइजी, डीएम, एसएसपी सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और छानबीन में जुट गए। सिविल सर्विसेज में अनुराग के बैचमेट रहे एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक भी मौके पर पहुंचे। अनुराग के पिता डीएन तिवारी डिग्री कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। उनके दो बड़े भाई आलोक व मयंक इंजीनियर हैं। पुलिस मामले की तह तक पहुंचने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। 

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अचानक चक्कर आकर गिरने की आशंका 

पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि अचानक चक्कर आने से वह मुंह के बल गिरे थे। शरीर पर कोई अन्य चोट न होने के आधार पर पुलिस उनके किसी वाहन की चपेट में आने की बात से इन्कार कर रही है। बहराइच से आईं अनुराग की भाभी सुधा तिवारी ने कहा कि अनुराग इतनी सुबह सोकर नहीं उठते थे। वह सुबह टहलने जाने के भी आदी नहीं थे। वह किन हालात में सुबह सड़क पर पहुंचे और उनकी मौत हो गई, इन परिस्थितियों को लेकर घरवाले सवाल उठा रहे हैं। सुधा ने बताया कि अनुराग एक सप्ताह पूर्व एक ट्रेनिंग के लिए मसूरी आए थे। जहां से वह रविवार को बहराइच आए थे और शाम को ही लखनऊ आ गए थे। अनुराग की शादी वर्ष 2008 में हुई थी लेकिन, शादी के कुछ दिन बाद ही दंपती के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी। पति-पत्नी लंबे समय से अलग रह रहे थे।


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