कोई अपमान करना चाहे तो क्या कर सकता हूं : राज्यपाल
उत्तर प्रदेश विधान मंडल सत्र के पहले दिन राज्यपाल के लिए निर्धारित नये प्रोटोकाल को मानने से इंकार करने के निर्णय पर आठ व नौ को दिल्ली में होने वाले राज्यपालों के सम्मेलन में चर्चा हो सकती है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान मंडल सत्र के पहले दिन राज्यपाल के लिए निर्धारित नये प्रोटोकाल को मानने से इंकार करने के निर्णय पर आठ व नौ को दिल्ली में होने वाले राज्यपालों के सम्मेलन में चर्चा हो सकती है।यह संकेत राज्यपाल राम नाईक ने देते हुए कहा कि जनतंत्र में विरोध हर किसी का हक है, कोई अपमान करना चाहे तो क्या कर सकता हूं, मगर मैं नाराज नहीं हूं।
राजभवन में कल कुष्ठ पीडि़तों को पेंशन वितरित करने के बाद मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए नाईक ने कहा कि राष्ट्रपति ने नया प्रोटोकाल निर्धारित किया था, जिसे नहीं मानने का जो कार्यवृत विधानसभा सचिवालय ने उन्हे भेजा था, उसे राष्ट्रपति को भेज दिया था। नाईक ने बताया राष्ट्रपति ने दिल्ली में राज्यपालों का सम्मेलन बुलाया है, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है क्योंकि नया प्रोटोकाल सभी राज्यों में लागू होना है। राज्यपाल ने दोहराया कि नया प्रोटोकाल न मिलने से नाराज नहीं हैं, मगर जिस अंदाज में यह बात कही, उससे संकेत साफ था कि उन्हें प्रोटोकाल नहीं मिलने का मलाल है।
गौरतलब है विधानमंडल सत्र से पहले गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में भाजपा को छोड़कर सभी दलों ने एकजुट होकर राज्यपाल के लिए राष्ट्रपति भवन से तय नया प्रोटोकाल मानने से इनकार किया था और कहा गया कि पहले विधि विशेषज्ञों से राय ली जाये कि राष्ट्रपति भवन ने जो कुछ कहा है वह सुझाव है या निर्देश है और विधानसभा के लिए क्या मानना अनिवार्य है। गौरतलब है कि नये प्रोटोकाल में विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल को गार्द सलामी देने और मुख्यमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष के चलने का तरीका निर्धारित किया गया है।