धोखे से करा लिए तलाक के कागज पर साइन, इंसाफ के लिए भटक रही बीवी
स्टांप पेपर पर पत्नी का हस्ताक्षर करवाकर दे दिया तलाक इंसाफ के लिए भटक रही पत्नी।
बलरामपुर, जेएनएन। ससुराल में रहकर दो अबोध बच्चों की परवरिश कर रही गद्दीपुर निवासिनी फातिमा को क्या मालूम था कि परदेस कमाई करने गया उसका शौहर हासिम उसकी जिंदगी से ही दूर जा रहा है। हर महीने खर्च के लिए पैसे आते रहे, तो शक की कोई वजह ही नहीं थी। दिसंबर में शौहर वापस आया। फातिमा को शौहर पर इतना भरोसा था कि उसने सीएए के कागजात बनवाने के नाम पर सादे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कर दिए। जिसे बाद में हाशिम ने तलाकनामा करार देते हुए उसे मायके छोड़ आया। अब फातिमा मासूम बच्चों के साथ न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही है।
सादु्ल्लाहनगर के गद्दीपुर निवासिनी फातिमा ने बताया कि उसका विवाह उतरौला के सुभाषनगर निवासी हाशिम के साथ सात वर्ष पहले हुआ था। दोनों से छह वर्षीया एक पुत्री व चार साल का एक लड़का है। पति ज्यादातर कमाई के सिलसिले में मुंबई रहता है। बताया कि वह ससुराल में रहकर पति के भेजे पैसों से बच्चों का पालन-पोषण करती थी। पिछले साल दिसंबर में जब उसका शौहर मुंबई से आया तो कुछ दिन रहने के बाद सादे स्टांप पर यह कहकर हस्ताक्षर बनवा लिया कि सीएए के लिए नगर पालिका से कुछ पेपर बनवाने हैं। दस्तखत कराने के कुछ दिन बाद वह पीड़िता को मायके यह कहकर छोड़ आया कि मुंबई में कमरा मिलने के बाद वहां ले जाएगा। तब से वह मुंबई भी नहीं गया।
वापस बुलाने की बात पर उसका कहना है कि हमारा तलाक हो गया है। स्टांप पेपर पर तुमने अपनी मर्जी से हस्ताक्षर किया है। पीड़िता ने महिला थाने में शिकायत की, लेकिन हाशिम तलाक की बात पर अड़ा रहा। महिला थाना प्रभारी ने प्रकरण को कोतवाली में भेज दिया है। प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार यादव ने बताया कि दूसरे पक्ष को तलब किया गया है। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।