संपा: कलाकृतियों के जरिए प्रदर्शित कीं मनवीय भावनाएं
- अलीगंज स्थित ललित कला अकादमी की आर्ट गैलरी में लगी प्रदर्शनी - दस दिन से चल रही नेशनल वुड क
- अलीगंज स्थित ललित कला अकादमी की आर्ट गैलरी में लगी प्रदर्शनी
- दस दिन से चल रही नेशनल वुड कार्विग कार्यशाला के समापन पर हुआ प्रदर्शनी का आयोजन
जागरण संवाददाता, लखनऊ: लकड़ी के टुकड़ों पर उतरीं मूर्तिकारों की कल्पनाओं को जब लोगों ने देखा तो वे शिल्प की दुनिया में खो गए। मौका था अलीगंज स्थित ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र की आर्ट गैलरी में मूर्तिकला प्रदर्शनी का। पिछले दस दिनों से अकादमी में चल रही नेशनल वुड कार्विग कार्यशाला के समापन पर प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। प्रदर्शनी का उद्घाटन पूर्व प्रशासनिक अधिकारी शंभूनाथ ने किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभागी मूर्तिकारों को सम्मानित भी किया।
एक दिसंबर से अकादमी में चल रही वुड कार्विग कार्यशाला में मूर्तिकारों ने अपनी कल्पनाओं को बखूबी उकेरा। इसमें गोरखपुर के नीलांबुज सिंह 'ज्वेल इन सागवान' कलाकृति में जिंदगी के चरमोत्कर्ष को दिखाया। प्रतापगढ़ के जयेंद्र कुमार यादव ने 'इनर ग्लिम्पसेस इन ए क्यूबिक हेड' में इंसानी तनाव को प्रदर्शित किया। गाजीपुर के सुनील कुमार ने 'हेड' मूर्ति में शारीरिक और मानसिक भावनाओं को दिखाया। लखनऊ के धीरज मनध्यानी ने अपनी प्लेइंग कार्ड थीम पर बनाई 'किंग वर्सेस किंग' मूर्ति में एक बादशाह के सकारात्मक और नकारात्मक रूप को दिखाया। बेंगलुरु के गोपाल ने 'स्टेम' मूर्ति में प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित किया। उन्नाव के मिलन कुमार ने 'बंधन में नारी' कलाकृति के जरिए समाज की महिलाओं की उपेक्षा को प्रदर्शित किया। वहीं बड़ौदा से आईं नवजोत सोहल 'जर्नी' शीर्षक नावरूपी मूर्ति में इंसानी जिंदगी के सफर को प्रदर्शित किया। इसमें जिंदगी की जटिलताएं और सफलताओं का रहस्य साझा किया।