विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: स्कूलों में बनाए जाएंगे मनदूत व मनपरी
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर बनाई गई मानव श्रृंखला। प्रदेश के सभी जिलों में स्कूलों में बनाए जाएंगे मनदूत व मनपरी।
लखनऊ(जेएनएन)। प्रदेश के स्कूलों में कक्षा आठ से कक्षा 12 तक हर क्लास में मनदूत व मनपरी बनाए जाएंगे। यह अपने क्लास में डिप्रेशन में आने वाले बच्चे की काउंसिलिंग करेंगे और स्थिति खराब होने पर जिला मानसिक स्वास्थ्य समिति को जानकारी देंगे। बुधवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर क्रिश्चियन कॉलेज के रीड हॉल ग्राउंड के बाहर मानव श्रृंखला बनाई गई। इसमें करीब ढ़ाई हजार स्कूली बच्चे शामिल हुए। कार्यक्रम में कानून मंत्री बृजेश पाठक मौजूद रहे। उन्होंने बच्चों में बढ़ रहे डिप्रेशन पर चिंता जताई। विद्यार्थियों का आवाहन किया कि वह अपने लक्ष्य को पाने पर फोकस करें और पूरी स्फूर्ति व ऊर्जा के साथ परिस्थितियों का डटकर सामना करें।
कार्यक्रम में राज्य मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील पांडेय ने बताया कि देश में करीब सात प्रतिशत लोग डिप्रेशन का शिकार हैं। वहीं, तीन प्रतिशत तक बच्चे भी डिप्रेशन का शिकार हैं। एकल परिवार के साथ-साथ कामकाजी माता-पिता बच्चों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। वहीं किशोरावस्था में शरीर में हारमोनल परिवर्तन होते हैं।
ऐसे में हर तरफ से अकेला पड़ा बच्चा नशाखोरी की ओर कदम बढ़ाता है और गलत प्रवृत्ति में पड़ जाता है। यही कारण है कि सभी स्कूलों में कक्षा आठ से कक्षा 12 तक मनदूत व मनपरी बनाए जाएंगे। इसके अलावा स्कूलों में सुसाइड प्रीवेंशन कैंप भी लगाए जाएंगे। जिला मानसिक स्वास्थ्य समिति द्वारा बच्चों की काउंसिलिंग व इलाज किया जाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का आभार सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने व्यक्त किया।