आसाराम प्रकरण : इंसाफ की जंग में शाहजहांपुर की इस बेटी के लिए घर बना जेल
किशोरावस्था में ही कड़े संघर्ष से जूझना पड़ा लेकिन, डरकर चुप नहीं बैठी। उसने 'गुरु भगवान के रूप में राक्षस बनकर सामने आए आसाराम को सजा दिलाने की ठान ली और संघर्ष जारी रखा।
शाहजहांपुर (जेएनएन)। बेशक, यौन शोषण की घटना के 15 दिन बाद ही कथित संत आसाराम को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया था। वह चार साल सात माह 24 दिन से जेल में है लेकिन, न्याय की इस जंग में बहादुर बेटी के लिए उसका घर ही जेल बन गया। अब बिटिया समेत पूरे परिवार की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं। इस आस में कि इंसाफ मिलेगा।
बता दें कि जोधपुर के मणाई आश्रम में 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने बिटिया का यौन शोषण किया था। वो दिन, स्वतंत्रता दिवस की रात से बेटी आज तक खुली हवा में नहीं निकल सकी। किशोरावस्था में ही कड़े संघर्ष से जूझना पड़ा लेकिन, डरकर चुप नहीं बैठी। उसने 'गुरु भगवान के रूप में राक्षस बनकर सामने आए आसाराम को सजा दिलाने की ठान ली और संघर्ष जारी रखा।
घटना के बाद हर पल खतरा मंडरा रहा था। 'दाग भी ऐसा, दुनिया का सामना करना मुश्किल। आसाराम के गुर्गों से खतरा अलग। ऐसे में घर ही बिटिया का संसार बन गया। मम्मी पापा के प्रोत्साहन और छोटे भाई के साथ खेल से धीरे धीरे स्थिति सामान्य हुई। समझदार होने पर बेटी ने इंटरनेट को अपना गुरु बना लिया। टीवी की न्यूज व सीरियल से ही देश दुनिया को देखना शुरू कर दिया।
न्याय की उम्मीद : पीडि़ता के पिता न्यायपालिका के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। बोले, उनका पक्ष अच्छे से सुना गया। बहादुर बेटी का संघर्ष बेकार नहीं जाएगा। यह न्याय अकेले उनकी बेटी के लिए नहीं, देश की सभी बेटियों के लिए होगा।
अखिल के परिजनों की सुरक्षा बढ़ी
मुजफ्फरनगर : यौन उत्पीडऩ के आरोपों में जेल में बंद आसाराम पर जोधपुर की अदालत में बुधवार को सुनाए जाने वाले फैसले के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया है। आसाराम के रसोइया रह चुके अखिल के परिजनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के मामले में गीता एन्क्लेव निवासी अखिल गुप्ता व उनकी पत्नी वर्षा गवाह थे। अखिल गुप्ता आसाराम के आश्रम में काफी समय तक रसोइया रहे थे। आसाराम के खिलाफ गवाही देने पर 11 जनवरी-15 को जानसठ रोड पर गोली मारकर अखिल की हत्या कर दी गई थी।
अखिल की हत्या के बाद पत्नी वर्षा व परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई थी। अखिल गुप्ता के पिता नरेश गुप्ता का कहना है कि फैसले से पहले वह कुछ नहीं कहना चाहते। भगवान पर भरोसा है, जो करेंगे अच्छा करेंगे। कहा कि हमने कानून की मदद की, फिर भी हमारा घर ही बर्बाद हो गया। सुरक्षा इंतजाम से वह संतुष्ट हैं।