पूर्व सीएम अखिलेश यादव के होटल निर्माण के लिए पुलिस की मंजूरी अहम
मुख्यमंत्री आवास के ठीक पीछे हाई सिक्योरिटी जोन में अखिलेश यादव के प्रस्तावित होटल को लेकर कड़े मानकों का पालन करना पड़ेगा।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री आवास के ठीक पीछे हाई सिक्योरिटी जोन में अखिलेश यादव के प्रस्तावित होटल को लेकर कड़े मानकों का पालन करना पड़ेगा। विक्रमादित्य मार्ग पर ये प्लाट न केवल मुख्यमंत्री आवास बल्कि कई मंत्रियों के सरकारी आवास के पीछे है। ऐसे में एलडीए पुलिस विभाग से भी एनओसी मांग रहा है। बाकी सारे विभागों को तो इस मानचित्र की अनापत्ति देने में कोई खास दिक्कत नहीं होगी, मगर सबसे अहम पुलिस की एनओसी होगी। सचिव लविप्र एमपी सिंह ने कहा कि मानचित्र का आवेदन प्राप्त हुआ है। प्रक्रिया जारी है। सभी तरह की अनापत्तियों का निवारण होने के बाद और नियमों का पालन करते हुए मानचित्र पास किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव की ओर से विक्रमादित्य मार्ग पर होटल निर्माण के लिए मानचित्र का आवेदन लखनऊ विकास प्राधिकरण में किया गया है, जबकि उनके पिता सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की ओर से भी विक्रमादित्य मार्ग के एक अन्य प्लाट पर पुस्तकालय और वाचनालय का नक्शा पास कराने के लिए आवेदन किया गया है। दोनों ही मानचित्रों को अनुमोदित करने के लिए एलडीए में प्रक्रिया तेज है।
अखिलेश और डिंपल ने भूखंड संख्या 1-ए विक्रमादित्य मार्ग पर हिबस्कस हेरिटेज नाम से होटल निर्माण के लिए एलडीए में मानचित्र आवेदन कुछ समय पहले किया था। एलडीए की ओर से इस मानचित्र पर कुछ आपत्तियां भी दर्ज कराई गई थीं, जिसके बाद में संशोधित मानचित्र जमा कर दिया गया है।
हाई सिक्योरिटी जोन के लिए कड़े नियम
राजधानी में कई इलाके हाई सिक्योरिटी जोन में आते हैं। भवन उपविधि में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि हाई सिक्योरिटी जोन में किसी तरह के भवन निर्माण का मानचित्र पास करने में कड़े मानकों का पालन करवाया जाए। इसमें सबसे अहम ऊंचाई के मानक हैं। किसी भी भवन की ऊंचाई सात मीटर से अधिक नहीं हो सकती है। उसमें एक बेसमेंट भी संभव है। ऐसे में कुल ऊंचाई ढाई से तीन मंजिल ही संभव है।
पुलिस महानिदेशक सुरक्षा से मांगी गई एनओसी
प्राधिकरण के की मानचित्र सेल की ओर से प्रस्तावित होटल निर्माण संबंधी मानचित्र पर मुख्य वास्तुविद, नगर निगम, महाप्रबंधक जलकल विभाग, राज्य संपत्ति अधिकारी, संपत्ति विभाग, नजूल अधिकारी, नजूल विभाग व पुलिस महानिदेशक-सुरक्षा उत्तर प्रदेश से अनापत्ति मांगी गई है। बाकी अन्य स्थानों में पुलिस से एनओसी नहीं मांगी जाती है।