लखनऊ के अस्पतालों में इस साल बदलेगा इलाज का ढर्रा, बिना चीड़फाड़ के कैंसर का सफाया Lucknow News
50 बेड का अस्पताल है प्रस्तावित कैंसर संस्थान वर्ष भर में 500 बेड का हो जाएगा। 30 बेड हैं एपेक्स ट्रामा सेंटर में अभी होने हैं 210 बेड क्रियाशील।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। इस वर्ष शहर के अस्पताल नई तकनीकी से अपग्रेड होंगे। आधुनिक मशीन से शरीर में मूव कर रहे ट्यूमर की सटीक सर्जरी होगी। वहीं, एंटीबायोटिक का संक्रमण वाले हिस्से पर सीधे प्रयोग होगा। कई अंगों के कैंसर में चीरफाड़ से निजात मिलेगी। बेडों की संख्या भी बढ़ेगी।
साइबर नाइफ : बगैर चीड़फाड़ के कैंसर का सफाया
कैंसर संस्थान में साइबर नाइफ मशीन लगेगी। इससे बगैर चीड़फाड़ के मरीज के जटिल व संवेदनशील अंगों के कैंसर का सफाया होगा। देश के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में अपने तरह की यह पहली मशीन होगी। यह मशीन रोबोटिक सिस्टम पर चलती है। इसमें रेडिएशन से ब्रेन ट्यूमर, लंग कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, स्पाइनल ट्यूमर, किडनी कैंसर का इलाज बेहद सटीक होता है।
‘एसजीआरटी’ तकनीकी : घूम रहे ट्यूमर सेल्स पर वार
कैंसर संस्थान में लीनियर एक्सिलरेटर मशीन लग गई है। ‘एसजीआरटी’ तकनीकी बेस्ड यह मशीन शरीर में घूम रहे ट्यूमर पर सटीक वार कर सकेगी। एसजीआरटी का तात्पर्य सरफेस गाइडेड रेडियोथेरेपी ट्रीटमेंट है। इसके लिए मशीन में एक विशेष प्रकार की डिवाइस लगी होती है, जिसमें स्टीरियो विजन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है। यह मरीज के शरीर में मूव कर रहे ट्यूमर पर नजर रखती है। फेफड़े के ट्यूमर, फेफड़े के डायफ्राम एरिया के ट्यूमर, लिवर, ब्रेस्ट कैंसर, आहार नली के कैंसर के लिए मददगार साबित होगी।
गामा नाइफ: ब्रेन के छोटे ट्यूमर का इलाज आसान
लोहिया संस्थान में गामा नाइफ की मशीन जल्द आएगी। इसके लिए रेडिएशन आंकोलॉजी भवन के बगल में बंकर बनेगा। मशीन व बंकर के लिए लगभग 30 करोड़ लागत तय की गई है। गामा नाइफ मशीन ब्रेन में ऐसे छोटे ट्यूमर पर सटीक वार कर सकती है, जहां पर ऑपरेशन संभव नहीं है। इसमें गामा किरणों की डोज दी जाती है। इससे रक्तवाहिकाओं को नुकसान नहीं होता है। यह इलाज रेडिएशन आंकोलॉजी व न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक मिलकर करते हैं। इसमें मरीज की फ्रेमिंग व इमेजिंग कर रेडिएशन दिया जाता है।
आयुष-एलोपैथ अस्पताल बनेंगे
लोहिया संस्थान का शहीद पथ पर पांच सौ बेड का सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल बनेगा। घैला में 100 बेड का संयुक्त अस्पताल व कल्ली-पश्चिम में 50 बेड का आयुष अस्पताल शुरू होगा।
फंगस-बैक्टीरिया पर सटीक एंटीबायोटिक
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में मॉल्डीटॉफ मशीन शुरू हो गई है। इससे आइसीयू में भर्ती मरीज के बैक्टीरिया, फंगस की 30 मिनट में पहचान होने लगी है। इसके आधार पर मरीजों को सटीक एंटीबायोटिक दिया जाना संभव हुआ है। 50 बेड का अस्पताल प्रस्तावित है। वहीं कैंसर संस्थान वर्ष भर में 500 बेड का हो जाएगा।
कई अस्पताल होंगे अपग्रेड
लोकबंधु अस्पताल वर्ष 2020 में 200 बेड बढ़ेंगे। वहीं बीआरडी में 166 बेडों का विस्तार होगा। इसके अलावा लोहिया संस्थान के न्यू ब्लॉक में 200 बेड बढ़ेंगे। पीजीआइ में 824 बेड बढ़ेंगे। आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज को नया हॉस्पिटल ब्लॉक मिलेगा।
अटल यूनिवर्सिटी से जुड़ेंगे मेडिकल कॉलेज
इस वर्ष में अटल यूनीवर्सिटी का भवन बनने लगेगा। वहीं अस्थाई तौर पर बनाए गए कार्यालय में काम शुरू हो जाएगा। ऐसे में केजीएमयू से संबद्ध छह सरकारी मेडिकल कॉलेज, तीन चिकित्सा संस्थान, सात नर्सिग कॉलेज व एक पैरामेडिकल कॉलेज अटल यूनिवर्सिटी से संबद्ध होंगे। शेष सरकारी व निजी कॉलेजों को भी संबद्ध, परीक्षा व डिग्री देने का काम अटल यूनीवर्सिटी से होगा।
लोहिया : भविष्य के प्लान
- आठ नए विभाग, हेल्थ क्लब, कॉलेज ऑफ नर्सिग, स्किल्स लैब, सेंट्रल रिसर्च लैब खुलेगी।
- शहीद पथ पर 20 एकड़ में सेकेंड कैंपस बनेगा। इसमें एक हजार क्षमता का हॉस्टल, नर्सिग व पैरामेडिकल कॉलेज, फैकल्टी-कर्मचारी आवास, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, ऑडिटोरियम, 500 बेड का अस्पताल बनेगा।
- न्यू ब्लॉक में न्यूरो साइंस सेंटर व ओटी काम्प्लेक्स बनेगा
- फोर-डी सीटी स्कैन मशीन लगेगी
केजीएमयू : भविष्य के प्लान
- सुपर स्पेशियलिटी आथरे सेंटर की स्थापना होगी। इसमें पीडियाटिक्स आर्थोपेडिक विभाग, स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग, स्पाइन सेंटर व आर्थोप्लास्टी यूनिट बनेगी
- फैमिली मेडिसिन विभाग की ओपीडी व वार्ड शुरू होंगे
- ट्रॉमा सेंटर के सेकेंड फेज का निर्माण होगा
- क्वीनमेरी व लारी कार्डियोलॉजी के नवनिर्मित भवन में बेडों का संचालन शुरू होगा
- बंद बर्न यूनिट को शुरू करने की योजना
- बलरामपुर जिले में सेटेलाइट कैंपस का निर्माण
पीजीआइ भविष्य के प्लान
- बायोमेडिकल स्टार्ट अप होगा शुरू-134 बेड का होगा विस्तार, न्यूक्लियर मेडसिन रेडियोथिरेपी, पैलेटिव केयर में मिलेगी राहत
- 210 बेड इमरजेंसी मेडिसिन के बढ़ेंगे
- रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर होगा शुरू, इसमें 180 बेड होंगे
- एडवांस ऑप्थेलमिक सेंटर बनेगा, इसमें 150 बेड बढ़ेंगे
- एपेक्स ट्रामा सेंटर में अभी 30 बेड, 210 बेड होंगे क्रियाशील।