दो साल बाद ट्रैक पर जलवा बिखेरने आया क्लाउड डांसर, रेस में हिस्सा लेने की मिली मंजूरी Lucknow News
लखनऊ के रेसकोर्स में दो साल बाद मैदान में फिर लौटा क्लाउड डांसर। जॉकी को गिराने और अनियंत्रित होने के कारण दो साल से था बैन।
लखनऊ, जेएनएन। अपनी शरारत, अनियंत्रित होकर विपरीत दिशा में दौड़ने और जॉकी को गिराने के आरोप में दो साल का प्रतिबंध झेल रहा क्लाउड डांसर एक बार फिर ट्रैक पर जलवा बिखेरने को बेताब है। क्लाउड डांसर को इस सीजन में होने वाली सभी छह रेस में हिस्सा लेने की मंजूरी मिल गई है। हैदराबाद में कई बड़ी रेस अपने नाम करने वाला यह विजेता अब तक लखनऊ में एक भी अधिकारिक रेस में हिस्सा नहीं ले सका है।
दरअसल, क्लाउड डांसर ने वर्ष 2013 से 2017 तक हैदराबाद की 40 बड़ी रेसों में हिस्सा लिया था। हैदराबाद से क्लाउड डांसर को लखनऊ रेसकोर्स क्लब लाया गया। अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 की पहले सीजन में क्लाउड डांसर को दो बार रेस में उतारा गया। दोनों ही बार क्लाउड डांसर अपने जॉकी को गिराकर भाग निकला। ट्रैक की जगह क्लाउड डांसर सर्विस लाइन की ओर दौड़ा। उसे नियंत्रित करने में भी जॉकी को खासी दिक्कत आई। क्लाउड डांसर के उग्र स्वभाव के कारण उसे 2017-18 की पहली दो रेस के बाद दौडऩे पर रोक लगा दी गई। इस बीच क्लाउड डांसर के स्वभाव को बदलने और उसे अनुशासित बनाने के लिए कड़ी मेहनत की गई। वर्ष 2018-19 में भी क्लाउड डांसर यहां एक भी दौड़ न होने के कारण ट्रैक से दूर रहा।
क्लाउड डांसर का कॅरियर
ए क्लास का 95 रेटिंग वाले क्लाउड डांसर ने एक फरवरी 2013 से 27 फरवरी 2017 तक कुल 40 बड़ी रेस में हिस्सा लिया। इसमें तीन बार वह विजेता, सात बार उपविजेता और एक बार तीसरे व आठ बार चौथे नंबर पर आया। हालांकि 21 बार उसे कोई भी स्थान नहीं मिला।
बदल सकता है समीकरण
क्लाउड डांसर लंबे ट्रैक पर दौडऩे वाला घोड़ा है। हैदराबाद रेस क्लब के 1600 मीटर की दौड़ में उसने सबसे अधिक 14 बार, 1400 मीटर टै्रक पर 12 बार, दो हजार मीटर की दौड़ में तीन और 2200 मीटर की दौड़ में एक बार हिस्सा लिया। लखनऊ रेसकोर्स क्लब का ट्रैक एंटी क्लॉक होने के साथ केवल एक हजार मीटर का है। क्लाउड डांसर को छोटे ट्रैक पर दौडऩे का अभ्यास ही नहीं था। उसने 1100 मीटर की दौड़ को 1.05 मिनट में पूरा किया है। यदि क्लाउड डांसर हैदराबाद के अपने फार्म में वापस आया तो वह विजय एस ज्वॉय और सुपर डुपर जैसे विजेताओं के लिए एक चुनौती भी बन सकता है।