जहरीली शराब कांड में आबकारी उपायुक्त समेत चार अधिकारी निलंबित
जहरीली शराब कांड में लापरवाही के लिए कानपुर के आबकारी उपायुक्त सुनील मिश्र समेत चार आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
लखनऊ (जेएनएन)। कानपुर नगर और कानपुर देहात में जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत होने के बाद मंगलवार को शासन ने आबकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया। इस घटना में लापरवाही के लिए कानपुर के आबकारी उपायुक्त सुनील मिश्र समेत चार आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। शिवहरि मिश्र को कानपुर का नया आबकारी उपायुक्त बनाया गया है।
खूब किरकिरी के बाद निलंबन
प्रमुख सचिव आबकारी कल्पना अवस्थी ने बताया कि कानपुर नगर के जिला आबकारी अधिकारी अभिमन्यु प्रताप सिंह, कानपुर देहात के जिला आबकारी अधिकारी हेमंत चौधरी और सहायक आबकारी आयुक्त (प्रवर्तन) राजीव सिन्हा को निलंबित किया गया है। राजेश मिश्र को कानपुर नगर का नया जिला आबकारी अधिकारी बनाया गया है। इसी तरह कानपुर देहात में जितेंद्र सिंह की जिला आबकारी अधिकारी पद पर तैनाती की गई है। गौरतलब है कि घटना के बाद प्रमुख सचिव ने कानपुर जाकर पीडि़तों से मुलाकात भी की थी। इसके बाद दो आबकारी निरीक्षकों और तीन सिपाहियों को निलंबित किया गया था। छोटों पर कार्रवाई और बड़े अधिकारियों को बचाने की कोशिश की मीडिया में खूब किरकिरी हुई थी। इसके बाद आज दोनों जिलों के प्रमुख अधिकारी निलंबित किये गए।
शराब दुकानों पर बिक रहा जहर
कानपुर शहर और इससे सटे कानपुर देहात में जहरीली शराब आबकारी विभाग से लाइसेंस प्राप्त ठेकों से बिकी। आबकारी विभाग यह जानने की कोशिश में है कि प्रदेश में और कहां अनुज्ञापी या कुछ प्रभावशाली लोग विभाग की आंखों में धूल झोंक कर सरेआम जहर बिकवा रहे हैं। विभाग के पास यह गुप्त सूचनाएं भी हैं कि कई जिलों में अवैध शराब का धंधा तेजी से बढ़ा है, क्योंकि डिस्टिलरियों से पर्याप्त माल की आपूर्ति न हो पाने के चलते शराब माफिया सक्रिय हुए हैं। जहरीली शराब से 16 लोगों की मौत के बाद आबकारी विभाग को कानपुर देहात निवासी एक पूर्व विधायक और उनके नाती के बारे में जानकारी मिली कि उन्होंने ही अवैध रूप से बनी शराब की खेप दुकानों पर पहुंचाई थी।
शासन को भेजी गई रिपोर्ट
विभाग के उच्च अधिकारियों से साठगांठ होने की भी खबर मिली जिससे अब उनके खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए शासन के पास रिपोर्ट भेजी गई है। यूपी के कई जिलों जिनमें पश्चिमी व पूर्वी बेल्ट में अवैध शराब का धंधा बढऩे की सूचना आबकारी विभाग को मिली है। हालांकि इन जिलों और वहां अवैध शराब बिकने के स्थान को उजागर नहीं किया जा रहा है, जिससे कि धरपकड़ आसानी से हो सके। इसमें एक पार्टी विशेष के कुछ नेताओं का भी हाथ होने की जानकारी विभाग के पास है। आबकारी विभाग के जानकारों ने पहले ही यह आशंका जताई थी कि कई बड़े क्षेत्र में शराब दुकानों का आवंटन न हो पाने और आवंटित हो चुकी दुकानों पर पर्याप्त माल आपूर्ति न हो पाने से अवैध व्यापार को बढऩे का मौका मिल सकता है। अब विभाग के पास इसी अनुसार गुप्त सूचनाएं भी आ रही हैं जिन पर संदेह को पक्का करने के लिए टीमें सक्रिय हो गई हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 25 मई से एक सप्ताह का अभियान इसीलिए चलाया जाएगा ताकि समय रहते प्रवर्तन कार्य हो सके और फिर किसी की जान से खिलवाड़ न होने पाए।