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ऑनर किलिंग : व्हाट्स एप पर चैटिंग बनी प्रेमी-प्रेमिका की हत्या कारण

मोहब्बत की नगरी आगरा में मोहब्बत करना प्रेमी-प्रेमिका के लिए घातक बन गया। आगरा में व्हाट्स एप पर बेटी की घंटों प्रेमी के साथ चैटिंग होती थी, इसकी पिता को जानकारी हो गई। इसके बाद प्रेमी को फोन करा शादी की बातचीत करने के बहाने ग्वालियर हाईवे के एक ढाबे

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2015 11:55 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2015 12:10 PM (IST)
ऑनर किलिंग : व्हाट्स एप पर चैटिंग बनी प्रेमी-प्रेमिका की हत्या कारण

लखनऊ। मोहब्बत की नगरी आगरा में मोहब्बत करना प्रेमी-प्रेमिका के लिए घातक बन गया। आगरा में व्हाट्स एप पर बेटी की घंटों प्रेमी के साथ चैटिंग होती थी, इसकी पिता को जानकारी हो गई। इसके बाद प्रेमी को फोन करा शादी की बातचीत करने के बहाने ग्वालियर हाईवे के एक ढाबे पर बुलाया। इसके बाद दोनों को मौत के घाट उतार दिया। हत्यारोपी पिता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

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आगरा में सदर के नगला लालजीत का 21 वर्षीय नरेश सिंह पुत्र हुकुम सिंह, संजय प्लेस में एक मोबाइल कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव था। बस्ती में रहने वाली 20 वर्षीय भारती पुत्री गिर्राज के साथ सालभर से प्रेम संबंध थे। मनिया पुलिस को पिता गिर्राज ने बताया करीब डेढ़ माह पूर्व परिजनों को दोनों के संबंधों का पता चला तो पाबंदी लगाने का प्रयास किया। नरेश के परिजनों से शिकायत कर भारती से मुलाकात पर रोक लगाने को कहा। भारती ने बगावत कर दी, वह नरेश के साथ शादी की जिद पर अड़ गई। परिवार के लोगों ने ने दोनों के मिलने पर रोक लगा दी, जिस पर भारती व्हाट्स एप पर प्रेमी के साथ लगातार संपर्क में रहने लगी। दोनों घर छोडऩे की योजना बनाने लगे। पिता गिर्राज ने पुलिस को बताया इस पर उसने बेटी को और उसके प्रेमी को ठिकाने लगाने का फैसला कर लिया। नरेश को उसके परिवार के लोगों ने चार दिसंबर को दिल्ली भेज दिया। वहीं भारती को भी उसी दिन बहन के यहां लादूखेड़ा सैंया भेज दिया। इसके बाद बेटी को विश्वास में लेकर नरेश को शादी के लिए बातचीत के बहाने दिल्ली से शनिवार को बुलाया। योजना के तहत भारती को मलपुरा में ग्वालियर हाईवे पर एक ढाबे पर ले गए। प्रेमी नरेश को भी वहां बुला दोनों को गाड़ी में बिठाया। मनिया के गांव बोथपुरा में दोनों का गला घोंट शवों को फेंक दिया। मनिया थानाध्यक्ष रतन सिंह ने बताया भारती के पिता गिर्राज को हिरासत में लेकर घटना में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

प्रेमी की आइडी से घर तक पहुंची पुलिस

प्रेमी-प्रेमिका की हत्या के बाद मनिया में शवों को फेंकने का मकसद उनका लावारिस में ठिकाने लगाने का था। नरेश अपने पास मोबाइल कंपनी का आइ कार्ड समेत वोटर आइडी भी रखता था। प्रेमी युगल की पहचान न हो सके इसके लिए हत्यारे बैग समेत पहचान से संबंधित सारी चीजें और दोनों के मोबाइल अपने साथ ले गये। नरेश की जेब में मिले कॉलेज के पहचान पत्र की मदद से पुलिस परसों शाम उसके घर नगला लालजीत पहुंची।

टोल बैरियर के सीसीटीवी फुटेज भी मददगार

भारती की शिनाख्त के बाद मनिया पुलिस ने टोल बैरियर पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी। पुलिस को भारती के पिता गिर्राज सिंह की फुटेज मिली हैं, वह एक्टिवा पर किसी के साथ था। गिर्राज ने पुलिस को प्रेमी-प्रेमिका को स्कूटर और बाइक से ले जाने की बताया था। दोनों सीसीटीवी कैमरे में नहीं दिखे, छानबीन करने पर पता चला कि दोनों को चार पहिया वाहन से ले जाया गया था। गिर्राज समेत अन्य लोगों की मोबाइल की टावर लोकेशन भी घटनास्थल के आसपास मिली है।

पंचायत में किया था हत्या का एलान

नगला लालजीत में सात दिन पहले बैठी पंचायत में भारती ठाकुर के पिता ने बेटी और प्रेमी नरेश कुशवाहा को दोबारा मुलाकात न करने की हिदायत थी। ऐसा करने पर जा ए मौत का एलान कर दिया था। नगला लालजीत के ग्रामीणों के मुताबिक दोनों परिवारों की पंचायत के बाद नरेश के परिवार के लोगों ने उसे दिल्ली की बस में बैठा दिया, उसके टिकट की फोटो स्टेट भारती के परिवार के लोगों को दिखाई। प्रेमी के गांव छोडऩे की जानकारी होने पर भारती ने कह दिया कि चाहे उसके टुकड़े कर दिए जाएं, वह अलग नहीं होगी। उसने पंचायत में हुए फैसले को मानने से भी इन्कार कर दिया था।

एक साथ जलीं चिताएं

हत्या से दो दिन पहले भारती ने मां से कहा था कि वह नरेश के बिना एक पल भी नहीं रहेगी। गांव में भी उसने कह रखा था वह मर गई, तो उसकी चिता नरेश के साथ जलाई जाए। हुआ भी यही। पुलिस के साये में दोनों की चिताएं एक ही खेत पर बराबर से सजीं।

मुंह खोलने को तैयार नहीं प्रेमी के परिवार के लोग

दोनों की हत्या को लेकर प्रेमी नरेश के परिजन भी कुछ बताने से कतराते रहे। परिजनों का कहना था कि दोनों परिवार ने अपने बच्चों को खोया है, इसलिए कुछ बता पाने में असमर्थ हैं।


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