दस-दस मिनट के अंतराल पर लें होम्योपैथ दवा, डेंगू-मलेरिया होने की संभावना होगी नगण्य
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय ने दावा किया है कि रासायनिक रूप से प्रमाणित कुछ होम्योपैथ दवाओं की मात्र तीन खुराक लेने से अगले छह माह तक डेंगू-मलेरिया होने की संभावना नगण्य हो जाती है।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। जिस डेंगू-मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है और लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, उसका अत्याधुनिक होम्योपैथ चिकित्सा में कारगर व निश्शुल्क उपाय मौजूद है। राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय ने दावा किया है कि रासायनिक रूप से प्रमाणित कुछ होम्योपैथ दवाओं की मात्र तीन खुराक लेने से अगले छह माह तक डेंगू-मलेरिया होने की संभावना नगण्य हो जाती है। इन दवाओं का अनेक लोगों पर प्रयोग करके देखा जा चुका है। गोमती नगर स्थित होम्योपैथ कॉलेज इस बार से प्रिवेंशन के लिए दवा लेने वाले लोगों का ब्योरा व फॉलोअप भी रखेगा, ताकि स्थानीय स्तर पर इसके असर का आकड़ा जुटाया जा सके। साथ ही इसके प्रयोग को बढ़ावा देते हुए इसका फायदा जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
इस सीजन 200 लोगों ने लिया प्रिवेंशन:
चिकित्सालय प्रभारी डॉ. वीपी वर्मा ने बताया कि होम्योपैथ कॉलेज की ओपीडी में इस सीजन 200 मरीजों ने डेंगू-मलेरिया का प्रिकॉशन लिया है। इन मरीजों का इस बार फॉलोअप किया जा रहा है। इनमें सफलता मिलने के बाद इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार से संपर्क साध कर इन बीमारियों से बचने के लिए इसे आम जनता में वितरित कराने व इसके प्रचार-प्रसार पर जोर देने का प्रस्ताव रखा जाएगा। कैंप भी लगाए जाएंगे।
ये दवाएं हैं बेहद कारगर:
डेंगू के लिए : यूपेटोरियम परफोलिएटम व गेलेसिमियम
मलेरिया के लिए : मलेरिया ऑफिसिनैलिस
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए : आर्सेनिक एलबम
दस-दस मिनट के अंतराल पर लें दवा, डेंगू-मलेरिया होने की संभावना होगी नगण्य : प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह ने दावा किया कि उक्त दवाओं की सिर्फ तीन खुराक दस-दस मिनट के अंतराल पर लेने वाले व्यक्ति में आगामी छह माह तक डेंगू-मलेरिया होने की संभावना नगण्य हो जाती है। इन दवाओं को बेहद प्रभावकारी बनाने के लिए इसकी गुणवक्ता में काफी परिवर्तन भी किया गया है। वहीं डॉ. बलिराम ने बताया कि आर्सेनिक एलबम प्लेटलेट्स बढ़ाने में बहुत मदद करती है। उक्त दवाएं पूरी तरह से रासायनिक रूप से प्रमाणित हैं और इनके असर का ट्रायल भी हो चुका है।
क्या कहते हैं चिकित्सालय प्रधानाचार्या ?
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय प्रधानाचार्या डॉ. हेमलता का कहना है कि हमारे यहा मरीजों के लिए उक्त दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध हैं, जो काफी कारगर हैं। अभी जागरूकता नहीं होने की वजह से प्रिकॉशन लेने ज्यादा मरीज नहीं आते। इसके प्रचार-प्रसार को लेकर नई प्लानिंग की जा रही है। ताकि इसका फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके। डेंगू का 48वा मरीज मिला :
केजीएमयू में एक और मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है। इससे राजधानी में कुल मरीजों का आकड़ा 48 हो गया है। नरही निवासी एक नर्सिग की छात्र पिछले कई दिनों से तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, उल्टी-दस्त, बदन दर्द, सिर दर्द जैसी समस्या से ग्रस्त थीं। छात्र का प्लेटलेट्स भी काफी गिर गया था। आशका होने पर छात्र के रक्त का नमूना लेकर जाच कराई गई। रिपोर्ट में छात्र को डेंगू होने की पुष्टि हुई। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (वेक्टरबोर्न) डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि छात्र की हालत ठीक है। उन्हें भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।
एक दिन में 72 जगहों पर मिले मच्छर के लार्वा :
विभिन्न जगहों पर एक ही दिन में 72 जगहों पर डेंगू-मलेरिया के लार्वा पाए गए हैं। इससे दो दिन पहले भी 17 जगहों पर लार्वा मिलने की पुष्टि हुई थी। मलेरिया विभाग ने इन सभी 72 जगहों से जुड़े लोगों को नोटिस जारी करने के साथ ही मौके पर ही लार्वा को नष्ट करा दिया है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 855 स्थानों पर लार्वा की जाच की गई। इस दौरान कुल 72 जगहों पर लार्वा पाए गए। सपना कालोनी राजाजीपुरम में 27 घरों की जाच की गई। यहा आठ को नोटिस दिए गए। बस्तौली इंदिरा नगर के 34 घरों में से सात घरों में लार्वा मिले। वहीं अर्बन मलेरिया यूनिट ने जानकीपुरम, अयोध्यादास वार्ड व शारदा नगर के 57 घरों को लार्वा मिलने पर नोटिस दिया गया।