अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं ग्रामीण बैंक : गृहमंत्री राजनाथ सिंह
ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त के समारोह में शामिल हुए गृहमंत्री ने कही यह बात। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करना है सरकार का संकल्प। एक मजदूर को भी बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा है हमारी सरकार ने।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। जैसे कृषि, किसान और गाव देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इसी तरह ग्रामीण बैंक भी देश की बैंकिंग व्यवस्था की रीढ़ हैं। यह कहना है केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का। वह ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त की ओर से आयोजित निश्शुल्क आर्यावर्त दुर्घटना सह विकलागता बीमा योजना के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
शनिवार को गन्ना संस्थान में आयोजित समारोह में पहुंचे गृहमंत्री ने कहा कि पीएम कहते हैं कि समाज की अंतिम सीढ़ी पर बैठे व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं व सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम ग्रामीण बैंकें कर रही हैं। महात्मा गाधी, पंडित दीन दयाल ने देश के अंतिम व्यक्ति की चिंता की है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि पिछली सरकारों ने काम नहीं किया।
सभी ने अपनी सोच और सामर्थ्य के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया। मगर हमारी सरकार ने महत्वपूर्ण काम किए हैं। उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करना सरकार का संकल्प है। इसके लिए किसानों को कम लागत (इनपुट कॉस्ट) आए, इस ओर प्रयास किया जा रहा है। एक वक्त वह भी था कि यूरिया ब्लैक में खरीदी जाती थी। लंबी लाइन लगती थी। किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और बिजली मिल रही है। हमारी सरकार ने एक मजदूर को भी बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का काम किया है। कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि बैंक के इस प्रयास से प्रदेश भर के खाताधारकों को लाभ मिल सकेगा। इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक बीके मोहंती, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एके सिंह, ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त के चेयरमैन एसबी सिंह, रेलीगेयर हेल्थ इंश्योरेंस के निदेशक चंद्रकात मिश्र, बर्ड की निदेशक टीएस राजी गैन समेत बैंकिंग सेक्टर से जुड़े तमाम अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। .जब राजनाथ बने 'यशस्वी प्रधानमंत्री'
ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त के समारोह के दौरान मंच संचालिका की जुबान फिसल गई। गृहमंत्री राजनाथ को संबोधन के लिए आमंत्रित करने से पूर्व उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह का परिचय यशस्वी प्रधानमंत्री बताया। इस पर लोग हंस पड़े। इसके बाद संचालिका ने यह भी कहा हो सकता है इस वक्तवाणी में सरस्वती जी हों, और भविष्य में प्रधानमंत्री बन जाएं। इस बात पर सबकी निगाहें गृहमंत्री पर आ टिकी। उधर, गृहमंत्री संबोधन के लिए मंच की ओर बढ़ चले।
गृहमंत्री से मिला वाल्मीकि समाज का प्रतिनिधिमंडल:
अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के नेतृत्व में वाल्मीकि समाज का प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। संघ के राष्ट्रीय महासचिव श्यामलाल वाल्मीकि के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने गृहमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में निकायों में तैनात सफाई मजदूरों का आर्थिक शोषण रोकने, उत्पीड़न बंद करने, निकायों में रिक्त 50 हजार नियमित सफाई कर्मियों के पदों पर भर्ती करने की माग की गई। उन्होंने गोंडा करनैलगंज के नगरपालिका चेयरमैन पर सफाई नायक को अनियमित तरीके से हटाने पर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि वहा संविदा सफाई कर्मचारियों को 18 हजार की जगह पाच हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। इस मौके पर राजेंद्र कुमार वाल्मीकि, चौधरी महेश कुमार वाल्मीकि, यशवंत चौधरी, चौधरी महेश चाचा भी मौजूद थे।
..जब गृहमंत्री भी चूके:
अपने वक्तव्य के दौरान गृहमंत्री ने साल 2022 तक किसानों की आय डेढ़ गुना किए जाने का लक्ष्य बताया। जबकि 2022 तक सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना है। हालाकि तनिक देर बाद ही स्मरण होने पर गृहमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात भी कही।