गृहमंत्री ने पूछा आखिर क्या है स्मार्ट सिटी की रफ्तार ?
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत एक भी काम पौने तीन साल तक न होने पर गृ
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत एक भी काम पौने तीन साल तक न होने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नाराजगी जताई है। शुक्रवार (20 अप्रैल) को गृहमंत्री के ओएसडी व सासद प्रतिनिधि ने नगर आयुक्त से मिलकर पूरी स्थिति जानी। ओएसडी ने पूछा आखिर क्या कारण हैं, जो कैसरबाग के 813 एकड़ में कुछ काम नहीं शुरू हो पाया। इस पर नगर आयुक्त ने बताया कि सीवर व पेयजल लाइन का डीपीआर शासन को भेज दिया है। वहा से अनुमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। दैनिक जागरण द्वारा पिछले चार दिन से स्मार्ट सिटी योजना की सुस्त रफ्तार पर अभियान चलाया जा रहा है। खबर को संज्ञान में लेते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ओएसडी केपी सिंह व सासद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने नगर आयुक्त उदयराज सिंह व स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक एसके जैन से जाना आखिर काम क्यों नहीं हो रहा है? केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार है, स्मार्ट सिटी के खाते में कई सौ करोड़ रुपये पड़े हुए है, इसके बाद भी सुस्त रफ्तार क्यों, इस पर नगर आयुक्त ठोस जवाब नहीं दे सके। स्मार्ट सिटी के तहत चयनित कैसरबाग क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्डो को विकसित किया जाना है। पौने तीन साल में सिर्फ कंसल्टेंट एजेंसी का ही चयन हो सका है। स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक एसके जैन ने बताया कि 290 करोड़ रुपये की सीवर लाइन का डीपीआर शासन को भेज दिया गया है। इसमें 180 करोड़ रुपये अमृत योजना व 110 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी के खाते से खर्च किया जाना है। अमृत योजना का बजट अभी नहीं मिल पाया है और प्रोजेक्ट पर शासन से अनुमति भी नहीं मिल सकी है। वाटर सप्लाई का प्रोजेक्ट भी शासन में लम्बित है। दोनों की परियोजनाएं सबसे पहले शुरू होनी है। गृहमंत्री के ओएसडी ने अनुमति दिलाने के लिए शासन के अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया है।