Holi 2019: घर वाली गुझिया चाहिए...बहुत सारे विकल्प हैं यहां
होली पर घर वाली गुझिया की मांग। शहर की कई संस्थाओं में महिलाएं तैयार कर रही हैं गुझिया और नमकीन।
लखनऊ, (कुसुम भारती)। होली का मौका हो और गुझिया की बात न हो, यह मुमकिन नहीं। इस त्योहार की मिठास स्वादिष्ट गुझिया से और भी बढ़ जाती है। बिजी लाइफ स्टाइल और नौकरी के चलते अब लोगों को घर में गुझिया और नमकीन बनाने का समय ही नहीं मिलता। जिसके चलते लोग रेडीमेड गुझिया खरीदे हैं। वैसे तो, बाजार में गुझिया की तमाम वैराइटी उपलब्ध हैं। मगर, घर जैसे स्वाद वाली गुझिया की बात ही अलग है। अगर आप भी होम मेड गुझिया का स्वाद लेना चाहते हैं, तो विकल्प मौजूद हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली ऐसी कई संस्थाएं हैं, जो खासतौर से होली के लिए गुझिया और नमकीन तैयार कर रही हैं।
स्वादिष्ट ही नहीं हाइजिनिक भी
होली पर हफ्तों पहले ही लोग ऑर्डर देने लगते हैं। पिछले एक सप्ताह से गुझिया खरीदने के लिए ग्राहकों की कतार लगी है। बटलर पैलेस स्थित आकांक्षा मसाला मठरी केंद्र की वाइस प्रेसीडेंट नीलिमा त्रिवेदी, सचिव प्रीती राजशेखर व कोआर्डिनेटर डॉ. अनु वाष्र्णेय कहती हैं, स्वाद के साथ हम हाइजीन का भी खास ध्यान रखते हैं। शुद्ध खोवा से बनी देशी घी की गुझिया 800 रुपये व रिफाइंड में तैयार गुझिया 700 रुपये प्रति किग्रा है। इस समय करीब 130 महिलाएं केवल गुझिया बनाने में ही लगी हैं। इसके अलावा मठरी, मसाला समोसा, नमकपारा, शक्करपारा आदि भी तैयार हो रहे हैं।
तीन तरह से तैयार हो रही गुझिया
संस्था में महिलाएं पिछले 10 वर्षों से नमकीन, मसाले, अचार आदि तैयार कर रही हैं। विपुलखंड गोमतीनगर स्थित लॉयंस प्रतिष्ठा महिला कल्याण केंद्र की चेयरपर्सन कुसुम सेठ कहती हैं, होली के लिए देशी घी, रिफाइंड और देशी घी व रिफाइंड मिक्स करके खोवा व मेवायुक्त तीन तरह की गुझिया तैयार हो रही हैं। जो 450 रुपये से 650 रुपये प्रति किग्रा हैं। साथ ही अचारी मठरी और मेवा लड्डू की मांग भी है। नमकीन की तमाम वैराइटी हैं, इनकी कीमत तीन सौ रुपये किग्रा तक है।
पहले ही मिल गए ऑर्डर
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई संस्था दीदीज फूड की को-फाउंडर व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर वीना आनंद कहती हैं, होली पर गुझिया व नमकीन की मांग बढ़ जाती है। हमारे पुराने ग्राहक होली आने से पहले ही गुझिया व नमकीन का आर्डर देने लगे थे। ग्राहकों को घर जैसा स्वाद मिलता है, यही वजह है कि वे अब घर पर बनाने के बजाए हमसे खरीदते हैं। गुझिया के साथ अचारी मठरी की मांग है।
वहीं, गोमतीनगर स्थित अल्पाहार की फाउंडर पूजा गुप्ता कहती हैं, महंगी दुकानों के बजाए ज्यादातर लोगों को महिलाओं के हाथ की बनी गुझिया पसंद हैं। यही वजह है कि होली के मौके पर ग्राहकों की भीड़ और भी बढ़ जाती है। हम ऑर्डर पर गुझिया व नमकीन तैयार कर रहे हैं।
घर पर बनाने का समय नहीं
आकांक्षा मठरी केंद्र में गुझिया व नमकीन खरीदने आए विपुल श्रीवास्तव कहते हैं, पत्नी नौकरी करती हैं, इसलिए घर पर गुझिया व नमकीन बनाने का समय नहीं है। यहां की गुझिया में घर जैसा स्वाद मिलता है, इसलिए कई सालों से खरीद रहे हैं।
बिल्कुल घर जैसा स्वाद है
रिंग रोड से नमकीन खरीदने आईं डॉली कहती हैं, मैंने इस संस्था का काफी नाम सुना था, इसीलिए इस बार होली के लिए यहां से नमकीन खरीदने आई हूं। जैसा सुना था, वैसा पाया, बिल्कुल घर जैसा स्वाद है।