ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में होमगार्ड की मौत पर आश्रित को पांच लाख, शासनादेश जारी
26 मार्च 2019 से 25 मार्च 2020 तक के लिए होमगार्डस का हुआ दुर्घटना बीमा। बीमा न होने के कारण पहले कल्याणकोष से दिए जाते थे तीन लाख रुपये।
लखनऊ, [सौरभ शुक्ला]। ड्यूटी के दौरान दुर्घटना एवं हत्या में होमगार्ड की मौत होने पर मृतक आश्रित को दुर्घटना बीमा के मद में पांच लाख रुपये दिया जाएगा। यह व्यवस्था 26 मार्च 2019 शाम 5:30 बजे से 25 मार्च 2020 तक लागू रहेगी। इस बीच ड्यूटी करते हुए अगर किसी होमगार्ड की दुर्घटना में मौत होती है तो उसके मृतक आश्रित को यह आर्थिक लाभ दिया जाएगा।
बीते कई वर्षों से बीमा कंपनी से अनुबंध समाप्त होने के कारण एवं विभागीय लापरवाही के चलते होमगार्ड जवानों को यह लाभ नहीं मिल रहा था। उन्हें होमगार्ड कल्याणकोष से सिर्फ तीन लाख रुपये ही दिए जाते थे। होमगाड्र्स के परिवारों की इस समस्या को देखते हुए दैनिक जागरण ने मुहिम चलाई थी, जिसके बाद इस मद में बीते कुछ माह पहले यह बजट जारी हुआ था। इसका अब शासनादेश जारी किया गया है।
ये भी जानें
- दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर - पांच लाख
- दुर्घटना के दौरान दोनों हाथ, दोनों पैर व दोनों आंखें जाने पर - पांच लाख
- पूर्ण स्थाई अपंगता होने पर - पांच लाख
- एक हाथ, एक पैर अथवा एक आंख की पूर्ण रूप से हानि होने पर - ढाई लाख
- दुर्घटना में मृत्यु होने पर शव को निवास स्थान तक ले जाने हेतु व्यय बाउचर प्रस्तुत करने पर
- भी व्यय की धनराशि विभाग द्वारा जी जाएगी।
30 दिन के अंदर यह आहर्ताएं पूरी करके करना होगा आवेदन
मृत होमगार्ड के आश्रित का संलग्न दावा फार्म, दुर्घटना की एफआइआर की छायाप्रति, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, नामांकन-पत्र की प्रमाणित प्रति, होमगार्ड की ड्यूटी अथवा प्रशिक्षण उपस्थिति का ब्योरा, दावाकर्ता का बैंक खाता एवं शाखा का नाम, आइएफएससी कोड, दुर्घटना के कारण अस्पताल के डॉक्टर का इलाज के दस्तावेज अथवा पूर्ण अपंगता प्रमाणपत्र मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा, दुर्घटना की स्थिति में ड्राइविंग लाइसेंस, दुर्घटना के समर्थन में प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति, आधार की प्रमाणित छायाप्रति। उक्त सभी प्रपत्रों के साथ आश्रित को 30 दिन के अंदर सारे दस्तावेज तैयार कर समस्त अभिलेखों को सत्यापित कराते हुए प्रत्येक दशा में होमगार्ड मुख्यालय को उपलब्ध कराना होगा।
क्या कहते हैं आइजी होमगार्ड ?
आइजी होमगार्ड शरत चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि 'पहले होमगार्ड कल्याणकोष से ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत होमगाड्र्स के आश्रितों को पांच लाख रुपये दिए जाते थे। बीमा कंपनी से अनुबंध हो जाने के कारण प्रदेश के सभी होमगाड्र्स का बीमा करा दिया गया है। अब ड्यूटी के दौरान दुर्घटनाग्र्रस्त अथवा हत्या एवं अपंगता की स्थिति में होमगाड्र्स मृतक आश्रित को बीमा का लाभ मिलेगा।'