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Holi 2020 : प्रदोष काल में शुभ मूहर्त के साथ होलिका दहन, उड़ा गुलाल-खुशियों की बरसात

फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर नौ मार्च (सोमवार) को यायिजय योग में होलिका दहन। मंगलवार को होली खेली जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 08:46 AM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 10:29 PM (IST)
Holi 2020 : प्रदोष काल में शुभ मूहर्त के साथ होलिका दहन, उड़ा गुलाल-खुशियों की बरसात
Holi 2020 : प्रदोष काल में शुभ मूहर्त के साथ होलिका दहन, उड़ा गुलाल-खुशियों की बरसात

लखनऊ, जेएनएन। रंगो के उत्‍सव पर अलग-अलग इलाकों में होलिका दहन कार्यक्रम शुरू हो गया है। वर्षों बाद इस बार होलिका दहन में भद्रा नहीं है यानी बहुत ही शुभ महुर्त में आज होलिका दहन हो रहा है। चिंताहरण जंत्री के संपादक पंडित विजय त्रिपाठी के मुताबिक, इस होलिका दहन में भद्रा का दोष नहीं है। होलिका का दहन प्रदोष काल में करना शुभ होता है। 

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चौक में सुबह से उड़ा गुलाल, होलिका दहन करने उमड़े लोग 

वहीं, चौक स्थित सरार्फा व्‍यवसायी सुबह से ही होली खेलते नजर आए। लोगों ने एक दूसरे को जमकर गुलाल लगाया। वहीं, रात्रि 7:43 बजे के बीच होलिका दहन का कार्यक्रम शुरू हुआ। लोग पूजा की थाली लेकर चौराहों पर एकत्र हुए। जलती होलिका की पूजा कर गले मिले। शाम 6.57 बजे से रात्रि 7.43 बजे के बीच होलिका दहन करना शुभ माना गया, क्योंकि इस अवधि में यायिजय योग, पूर्णिमा, सिंह राशि का चंद्रमा और सोमवार का संयोग रहा। इस अवधि में होलिका का दहन करने से नकारात्मक ऊर्जा का शमन होगा और सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।

गोंडा: सोमवार की रात होलिका दहन के साथ होली का पर्व शुरू हो गया। पुलिस लाइंस में देवी पाटन परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ. राकेश सिंह व एसपी आरके नैय्यर ने पूजन किया। बाद में होलिका जलाई गई। जिले के 2501 स्थानों पर होलिका दहन किया जा रहा है। निगरानी के लिए 200 मोबाइल टीम बनाई गई है। 

इसलिए होलिका दहन

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को ही हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने श्रीहरि विष्णु के भक्त प्रहलाद को आग में जलाकर मारना चाहा था। भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच गए और होलिका जलकर मर गई, तभी से होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई। होलिका में नए अनाज की आहुति देनी चाहिए। इसलिए जौ, गेहूं, चना की बालियां गन्ने में बांधकर होलिका में भूनकर इसका प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।

चौक की 'चकल्लस' 11 को

होली के बाद 11 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 'चकल्लसÓ का आयोजन चौक में खुनखुन जी रोड पर होगा। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की मौजूदगी में होने वाले आयोजन में कई जानेमाने कवि हिस्सा लेंगे। रंगोत्सव समिति के महामंत्री अनुराग मिश्रा ने बताया कि भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर संतोषानंद, अशोक चक्रधर, मुनव्वर राना, डॉ.गोपालदास नीरज व पद्मश्री डॉ. योगेश प्रवीन सहित कई गणमान्य लोगों को यहां सम्मानित किया जा चुका है। चौक के खुनखुन जी रोड पर रात्रि आठ बजे से होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में शंभू शिखर (बिहार), प्रेरणा ठाकरे(मध्य प्रदेश), डॉ. भगवान मकरंद (राजस्थान),डॉ. सुमन दुबे (गाजीपुर), अनिल अमल (लखीमपुर), हेमंत पांडेय (कानपुर), दिनेश बावरा (मुंबई), प्रख्यात मिश्रा (लखनऊ), राकेश वाजपेयी (लखनऊ), गौरव चौहान (इटावा) और दमदार बनारसी (वाराणसी) समेत कई कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।

आशियाना में नहीं होगी होली

कोरोना के चलते आशियाना रेजीडेंट्स एसोसिएशन की ओर से 10 मार्च को सामूहिक होली न खेलने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन के महासचिव आरके भाटिया ने बताया कि सेक्टर-के स्थित शिव मंदिर में नौ मार्च को होलिका दहन होगा। प्रचार सचिव आलोक द्विवेदी ने बताया कि सामूहिक सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है। गुरुद्वारों में जहां 10 मार्च को होला महल्ला के चलते फूलों की होली होगी तो आशियाना परिवार की ओर से द्विवेदी पार्क में गुलाब की पंखुरियों के साथ हर्बल गुलाल की होली होगी। श्री श्याम परिवार की ओर से श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर में प्राकृतिक रंगों के साथ ही हर्बल गुलाल से खेली जाने वाली होली स्थगित हो गई है।

महाआरती के साथ जलेगा कोरोना का वायरस

मनकामेश्वर उपवन घाट पर नौ मार्च को होलिका दहन के साथ ही आदिगंगा गोमती की महाआरती होगी। महंत देव्या गिरि ने बताया कि कंडों होली बनाने का कार्य शुरू हो गया है। प्रतीकात्मक रूप से कोरोना वायरस का दहन भी किया जाएगा। इसके पीछे मंशा यह है कि आम लोगों के अंदर खौफ दूर हो। ब'चों को प्रकृति से प्रेम करने और पेड़ों को कटने से बचाने के लिए भी प्रतियोगिता के साथ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। होली के दिन मंदिर परिसर में हर्बल गुलाल से बाबा का शृंगार किया जाएगा। 

 

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