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ओलंपिक में भारत के लिए यादगार प्रदर्शन करना चाहती हैं मुमताज, पिता आज भी लगाते हैं सब्‍जी का ठेला

लखनऊ की स्टार हॉकी खिलाड़ी मुमताज करीब तीन माह से साई सेंटर बेंगलुरू में जूनियर महिला टीम के साथ कर रही हैं कैंप। जापान की मेजबानी में अगले साल 11 से 19 अप्रैल तक होगा जूनियर एशिया कप।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 10:19 AM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 01:56 PM (IST)
ओलंपिक में भारत के लिए यादगार प्रदर्शन करना चाहती हैं मुमताज, पिता आज भी लगाते हैं सब्‍जी का ठेला
लखनऊ की स्टार हॉकी खिलाड़ी मुमताज तीन माह से जूनियर महिला टीम के साथ कर रही हैं कैंप।

लखनऊ [विकास मिश्र]। भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य मुमताज खान एक ऐसा नाम है, जिसने कमद-दर-कदम चुनौतियों का न सिर्फ सामना किया, बल्कि इससे जीत हासिल कर अपने लिए अलग मुकाम भी बनाया। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली मुमताज के पिता हफीज खान और मां कैसर जहां आज भी कैंट के तोपखाना इलाके में सब्जी का ठेला लगाते हैं। लेकिन, बेटी को खिलाड़ी बनाने में किसी बात की कमी महसूस नहीं होने दिया। 

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कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाने वाली मुमताज कोरोना संक्रमण के बीच इन दिनों साई सेंटर बेंगलुरू में जूनियर भारतीय हॉकी टीम के साथ कैंप कर रही हैं। वह अगले साल 11 से 19 अप्रैल तक जापान में होने वाले जूनियर एशिया कप की तैयारी में जुटीं हैं। मुमताज कहती हैं, मेरा सपना है कि ओलंपिक और एशियाई खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा बनूं और कभी न भूल पाने वाला प्रदर्शन करूं।

शुक्रवार को दैनिक जागरण से बातचीत में मुमताज कहती हैं, वैसे तो बचपन से ही हॉकी में रुचि थी। आर्थिक परेशानियों के बावजूद परिवार ने हर कदम पर साथ दिया। दरअसल, स्कूली दिनों में मैं दौड़ लगाया करती थी। वर्ष 2011 में आगरा में एक दौड़ प्रतियोगिता के हॉकी कोच नीलम सिद्दीकी की नजर मुझपर पड़ी। उन्होंने पापा से मुझे हॉकी खिलवाने की सलाह दी। वह तैयार हो गए। शुरुआत में तो काफी दिक्कतें हुईं, लेकिन नीलम मैडम के मार्गदर्शन से सबकुछ ठीक हो गया। मुमताज पिछले दो महीने से बेंगलुरू के साई सेंटर में टीम इंडिया के संभावित 37 खिलाडिय़ों के साथ कैंप कर रही हैं। यह कैंप आगामी 11 अप्रैल से 19 अप्रैल तक जापान की मेजबानी में होने वाले जूनियर एशिया कप की तैयारी पुख्ता करने के लिए लगाया गया है। वह बताती हैं कि यहां तैयारी के लिए बहुत अच्छा माहौल है। दो विदेशी और तीन भारतीय कोच के मार्गदर्शन में तैयारी बहुत अच्छी चल रही है। यहां फिटनेस पर भी बहुत काम होता है।

वर्ष 2018 कभी न भूलने वाला साल

मुमताज के मुताबिक, नीलम मैडम की मदद से ही वर्ष 2014 में लखनऊ हॉस्टल में प्रवेश मिला था। यहीं से मेरी ट्रेनिंग शुरू हुई। इसके बाद राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश टीम की ओर से शानदार प्रदर्शन की बदौलत मेरा चयन थाइलैंड में होने वाली अंडर-18 एशिया कप के लिए भारतीय टीम में हो गया। इसके बाद 2017 में ऑस्ट्रेलिया, 2018 में नीदरलैंड और बेल्जियम में जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करने का बड़ा मौका मिला। यह मेरे और परिवार के लिए कभी न भूलने वाला पल था। ये ऐसी प्रतियोगिताएं थीं, जहां से मेरे लिए भारतीय टीम का द्वार हमेशा के लिए खुल गया। दिग्गज हॉकी खिलाड़ी कहती हैं, अगर आज मैं तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के लिए खेल रही हूं तो इसमें यूपी हॉकी का भी बड़ा योगदान है। मुमताज खान ने वर्ष 2019 के यूथ ओलंपिक और 2019 में ही इंडो-फ्रांस हॉकी सीरीज में बेहतरीन खेल की बदौलत खूब सुर्खियां बटोरी थी। मुमताज को प्रधानमंत्री मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं।


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