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History Sheeter Vikas Dubey: विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेयी से लखनऊ में पूछताछ करेगी STF

History Sheeter Vikas Dubey विकास दुबे के कई सहयोगियों को हिरासत में लेने के बाद अब उसके फाइनेंसर जय वाजपेयी को एसटीएफ ने शिकंजे में लिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 11:42 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 03:56 PM (IST)
History Sheeter Vikas Dubey: विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेयी से लखनऊ में पूछताछ करेगी STF
History Sheeter Vikas Dubey: विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेयी से लखनऊ में पूछताछ करेगी STF

लखनऊ, जेएनएन।History Sheeter Vikas Dubey: कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार मुख्य आरोपित विकास दुबे पर पुलिस का शिकंजा अब तेजी से कसता जा रहा है। करीब 60 पुलिस की टीमों के साथ उत्तर प्रदेश एसएटीएफ की टीमें भी विकास दुबे की खोज में लगी हैं। विकास के कई सहयोगियों को हिरासत में लेने के बाद अब उसके फाइनेंसर जय वाजपेयी को एसटीएफ ने शिकंजे में लिया है।

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एसटीएफ विकास के खजांची जय बाजपेयी को कानपुर से लेकर लखनऊ पहुंची हैं। लखनऊ में अब एसटीएफ की टीमें जय बाजपेयी से विकास दुबे के बारे में पड़ताल करेंगी। करीब हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक विकास दुबे का सारा काला कारोबार देखने का जिम्मा जय बाजपेयी के पास है। वह विकास दुबे की अघोषित संपत्तियों को ठिकाने लगाने के साथ उसका पैसा रियल एस्टेट तथा शराब के कारोबार में लगाता था। पुलिस टीम ने जय के कानपुर स्थित घर में पत्नी और मां से पूछताछ की और दस्तावेजों को भी खंगाला है।

कानपुर के बड़े कारोबारी माने जाने वाले जय बाजपेयी को विकास दुबे की फरारी के मामले में एसटीएफ पूछताछ के लिए लखनऊ लाई है। जय बाजपेयी ही विकास दुबे का फाइनेंसर बताया जा रहा है। जय बाजपेयी ने एक हफ्ते पहले विकास दुबे के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। जय ने इस राशि को विकास से दो प्रतिशत ब्याज पर लिया था। जय ने विकास से 5.50 करोड़ रुपया लेकर किसी और को दिया था। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि जय बाजपेयी ने दुबई में 15 करोड़ में फ्लैट खरीदा है। जय बाजपेयी अभी लखनऊ में एसटीएफ की गिरफ्त में है।

कानपुर के विजय नगर में रविवार को मिलीं तीन लावारिस लग्जरी कारों से दहशतर्ग विकास दुबे और उसके गुर्गों को जिला पार कराने का शक जय बाजपेयी पर ही है। जय बाजपेयी वहां पर लावारिस मिली कारों का मालिक है। जय बाजपेयी विकास दुबे का बेहद करीबी है। एसटीएफ ने पहले उससे कानपुर में पूछताछ की और मंगलवार को लखनऊ लेकर आई है। जय बाजपेयी के खिलाफ बदमाशों के फरार होने में मदद करने का सुबूत मिलने पर कार्रवाई तय है। विजय नगर चौराहे के पास शनिवार रात बगैर नंबर प्लेट की एक ऑडी, एक वेरना और एक फॅार्च्यूनर कार खड़ी करके कुछ लोग फरार हो गए थे।

2013-14 में विकास दुबे से हुआ कनेक्शन 

जय बाजपेयी का कनेक्शन विकास दुबे से 2013-14 में हुआ। उसके बाद जय बाजपेयी अपनी नौकरी से अलग जमीनों की खरीद-फरोख्त का धंधा करने लगा। 2014-15 में विकास के टेरर के बल पर विवादित जमीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त में जय बाजपेयी ने मोटा पैसा कमाया। एक पान की दुकान में भी उसकी पार्टनरशिप थी।

साल दर साल बढ़ती गई जय बाजपेयी की काली कमाई 

2015-16 में नेहरू नगर- ब्रहमनगर, पी रोड जैसे बाजारों में जय वाजपेयी ने ब्याज पर रुपए बांटने का काम शुरू किया। 2016-17 में जय 15 से अधिक मकान और फ्लैट का मालिक बन गया। 2017-18 से अब तक जय बाजपेयी करोड़ों की चल-अचल सम्पत्ति बना चुका है। इसी बीच लखनऊ-कानपुर रोड पर एक बेनामी पेट्रोल पम्प भी उसने बनाया। 2018-19 में कानपुर के ब्रह्मनगर में एक दर्जन से ज्यादा मकान होने की खबर के बाद जय और उसके भाई रंजय की कई बार जांच हुई। शातिर जय बाजपेयी ने पुलिस से बचे रहने के लिए कई मकानों में दारोगा और सिपाही रखे हैं। पिछले साल से अब तक बाजपेयी की पहचान कानपुर के उभरते हुए समाजसेवी और तथाकथित ब्राह्मण नेता के रूप होने लगी है।

सात-आठ वर्ष में अकूत संपत्ति  

विकास दुबे का फाइनेंसर जय बाजपेयी बीते सात-आठ वर्ष में अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। प्रिंटिंग प्रेस में काम करने के एवज में महज चार हजार रुपया की पगार पाने वाला जय बाजपेयी अब विकास दुबे के नाम पर विवादित प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त करने के कारण हजार करोड़ का आसामी है। जय बाजपेयी जमीनों की खरीद-फरोख्त करता है। विकास दुबे के बल पर विवादित जमीनें लेकर उनको ऊंचे दाम पर बेचने का काम करने वाला जय बाजपेयी मार्केट में ब्याज पर रुपए बांटने का काम भी करता है। वह अब दर्जनों फ्लैट के साथ 15 से अधिक मकान का मालिक है। उसके कानपुर के ब्रह्म नगर में एक दर्जन से अधिक मकान हैं। इनके कई मकानों में दारोगा व सिपाही रहते हैं। जय बाजपेयी ने कम समय में करोड़ों की संपत्ति बना ली है। इसके साथ ही उसका लखनऊ - कानपुर रोड पर एक पेट्रोल पम्प है। वह अवैध रूप से चल रहे पम्प का मालिक है। संपत्ति के मामले में जय और भाई रजय की कई बार जांच हुई। जांच में दोनों ही भू-माफिया बताए गए थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सपा विधायक से भी खूब रही है निकटता

जय बाजपेयी और उसके भाई पर एक सपा विधायक की भी खूब कृपा रही है। जय दो गाडिय़ों में चलता था। साथ में, दर्जनभर हथियार बंद लोग भी रहते। उसके बड़े भाई रजय बाजपेयी ने सपा के टिकट से पार्षद का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, इसमें उसकी बुरी तरह से हार हुई थी। बताते हैैं कि पार्षद का टिकट एक सपा विधायक ने ही दिलवाया था। रजय अक्सर उसी विधायक के साथ रहा करता था। विधायक ने ही इसे एसपीओ भी बनवा दिया था। ये एसपीओ यानी विशेष पुलिस अधिकारी, पुलिस की मदद के लिए रखे गए थे। बताते हैैं कि पुलिस से दोनों भाइयों की निकटता इसी तरह से बढ़ती गई। जहां बात फंसती थी, विधायक काम आते थे। बाद में, और पैसा कमा लिया तो पुलिस वालों को ही मुफ्त में रहने के लिए फ्लैट देने लगे।

भाजपा नेता को गिफ्ट की स्कॉर्पियो?

सपा की सरकार जाने के बाद जय बाजपेयी को भाजपा नेताओं की जरूरत पड़ी। बताते हैैं कि उसने एक भाजपा नेता को स्कॉर्पियो तक गिफ्ट की थी। यह नेता कौन है, फिलहाल कोई बोलने को तैयार नहीं।

विकास की काली कमाई करता था सफेद

कुख्यात विकास दुबे की काली कमाई को उसका खास सहयोगी जय बाजपेयी सफेद बनाता था। दो दिन से पुलिस और एसटीएफ की हिरासत में हो रही पूछताछ में ऐसी ही हैरतअंगेज बातें सामने आई हैैं। आठ साल पहले तक एक प्रिंटिंग प्रेस में सिर्फ चार हजार रुपये महीने की पगार पर काम करना वाले आज जय बाजपेयी 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का मालिक है। यहां एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी और दूसरे पुलिसकर्मियों से उसकी निकटता के किस्सों से फेसबुक भरा पड़ा है। कई तस्वीरों में तो अनंत देव उसे अतिमहत्व देते हुए फोटो खिंचाते दिख रहे हैैं। यही नहीं, उसने कई फ्लैट बनाए हैैं, जिनमें शहर के कई थानों के दारोगा और सिपाही मुफ्त में रहा करते हैैं।

प्रिंटिंग प्रेस में की चार हजार की नौकरी

शहर के ब्रह्मï नगर में रहने वाला जय बाजपेयी नजीराबाद थाना क्षेत्र की एक प्रिंटिंग प्रेस में चार हजार में नौकरी करता था। कमाई बढ़ाने के लिए पान की दुकान में भी साझेदारी की। इस बीच वह विकास के संपर्क में आया। पड़ोसी गांव का होने के नाते उस पर भरोसा जमता गया और विकास ने उसे अपनी काली कमाई को सफेद करने का जिम्मा दे दिया। जय बाजपेयी यह रकम जमीनों की खरीद फरोख्त में लगाने लगा। मोटी कमाई के लिए विवादित जमीनें खरीदीं। दबंगई की जरूरत पर पीछे विकास दुबे खड़ा हो जाता। फिर, नेहरू नगर, ब्रह्म नगर, पी रोड आदि बाजार में ब्याज पर रुपये देने लगा। बीसी भी शुरू कराईं। पुलिस की जांच में ब्रह्मïनगर में ही उसके 20 करोड़ मूल्य के छह मकान मिले हैैं। आर्यनगर में पांच करोड़ रुपये कीमत के चार फ्लैट व पनकी के ई ब्लॉक में दो करोड़ का एक डुप्लेक्स फ्लैट व अन्य प्रापर्टी हैैं। बताते हैैं कि उसने 15 करोड़ रुपये से दुबई में भी फ्लैट खरीदा है। लखनऊ-कानपुर रोड स्थित एक पेट्रोल पंप में भी उसका पैसा लगा है। दो सालों में कई बार विदेश भी गया है।

आयकर के निशाने पर जय बाजपेयी की संपत्तियां

जय बाजपेई की दुबई और देशभर में ढाई दर्जन संपत्तियों का जिक्र आने पर आयकर विभाग जांच शुरू करने जा रहा है। पता किया जा रहा है कि जय ने जितने आयकर रिटर्न दाखिल किए हैैं, उसमें कितनी संपत्तियों का ब्यौरा दिया है। वह कितना टैक्स अदा कर रहा है? यह भी देखा जाएगा कि उसने ऐसा कौन-सा कारोबार किया कि इतनी संपत्तियां खरीदने के लिए लायक धन आ गया। संपत्तियां किसी रिश्तेदार के नाम खरीदी गईं तो उन्हें बेनामी भी घोषित किया जा सकता है।

जय के घर पर पत्नी व मां से की पूछताछ

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से व्यापारिक सम्पर्क रखने के आरोपित कारोबारी जय बाजपेयी के ब्रह्मनगर स्थित घर पर मंगलवार दोपहर पुलिस ने छापा मारा और उसकी पत्नी श्वेता व मां प्रसून देवी से पूछताछ की। मंगलवार को पुलिस ने जय बाजपेयी के घर की कई घंटे तलाशी ली। अचानक फोर्स पहुंचने से इलाके में खलबली मच गई। बता दें कि एक शादी समारोह में विकास के जय की फोटो देखकर कारोबारी को शनिवार रात पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसी दौरान जय बाजपेयी ने अपनी तीन कारें विजय नगर में लावारिस खड़ी करा दी थीं। पुलिस को शक है कि उन कारों का इस्तेमाल वारदात में हुआ है। सूत्रों के मुताबिक जांच में यह भी सामने आया है कि जय बाजपेई ने अपने कारोबार में कुख्यात विकास दुबे का पैसा लगाया है। इसी सिलसिले में जांच के लिए मंगलवार दोपहर पुलिस टीम ने कारोबारी जय के जय विला में छापा मारा। पत्नी और मां से पूछताछ कर जय और विकास के कनेक्शन के बारे में पूछा। साथ ही मकान व अन्य प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की जांच की है। मां प्रसून का कहना है कि विकास से जय की मुलाकात केवल शादी समारोह में ही हुई थी। उससे पहले उसका कोई संपर्क नहीं रहा। पुलिस बेवजह बेटे को फंसाने की कोशिश कर रही है।

बचाव में उतरे कानपुर कॉमेडियन अन्नू अवस्थी

गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी जय बाजपेयी पर शिंकजा कसता जा रहा है। पुलिस ने कारोबारी जय से पूछताछ के बाद उसके हर्षनगर स्थित घर पर छापा मारा है। माना जा रहा है जय ही वो शख्स है,जो विकास दुबे को लग्जरी गाड़ियां मुहैया कराता था। कानपुर के कॉमेडियन अन्नू अवस्थी ने अपने फेसबुक पोस्ट लिख जय वाजपेयी का समर्थन किया है।

जय बाजपेयी का बचाव करते हुए अन्नू अवस्थी ने पूछा, ''क्या तीन गाड़ियां केवल जय के पास हैं। क्या तीन गाड़ी रखना अपराध है। अन्नू अवस्थी ने कहा कि जय वाजपेयी के संबंध किसी से भी हो सकते हैं, लेकिन वो अपराधी नहीं हो सकता। जय बाजपेयी का बचाव करते हुए अन्नू अवस्थी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग खुन्नस निकालने के लिए सम्मानित लोगों की भी फोटो वायरल कर रहे हैं। 

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जय बाजपेयी के साथ कानपुर के रहने वाले अन्नू अवस्थी की भी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। उन्होंने आखिर में अपने पोस्ट में लिखा कि जो लोग अपराध में शामिल हैं उनको सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, दोषी बचे ना और निर्दोष फंसे ना, पुलिस और सरकार पर पूरा भरोसा है।


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