लखनऊ प्राणि उद्यान में हिप्पो और मगरमच्छ की मौत
दो जानवरों की मौत से जू प्रशासन सकते में
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में शुक्रवार को दो जानवरों की मौत से जू प्रशासन सकते में है। सुबह आठ वर्ष के मगरमच्छ की और फिर दोपहर में दस वर्षीय हिप्पो बादल की मौत हो गई। पिछले एक महीने में प्राणि उद्यान में पांच बड़े वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। इसमें दो हिप्पो, दो मगरमच्छ और एक बाघ शामिल है। चिड़ियाघर के आकर्षण का केंद्र रहे हिप्पो बादल की मौत की खबर सुनकर पूरे जू परिसर में शोक की लहर दौड़ गई। कीपर मुबारक बताते हैं कि बादल गुरुवार को सक्रिय था। सुबह वह अपने बाड़े में स्वस्थ दिखाई दिया, लेकिन दोपहर में उसे बाड़े में गिरे देखकर कीपरों ने उसे उठाने की कोशिश, लेकिन वह नहीं उठा। उसके बाद जू के चिकित्सकों को सूचना दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डॉक्टरों की टीम ने बादल को देखा, लेकिन तब तक बादल की मौत हो चुकी थी। वहीं इससे पहले मगरमच्छ की मौत हो गई थी। जू निदेशक आरके सिंह ने बताया कि मगरमच्छ केपोस्टमार्टम के बाद उसके शव को निस्तारित कर दिया गया। वहीं हिप्पो बादल के पोस्टमार्टम के लिए बरेली व कानपुर से डॉक्टरों की टीम आ रही है। उसके बाद ही पोस्टमार्टम होगा। इसके अलावा यूएएस से हिप्पो स्पेशलिस्ट डॉ. रिबेका लुइसन समेत कई डॉक्टरों से ई-मेल के माध्यम से एक्सपर्ट की राय भी मांगी है। जांच समिति भी बनाई गई
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव ने हिप्पो की मृत्यु का कारण जानने के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। इसमें बरेली के प्रिंसिपल साइंटिस्ट, सर्जरी डिवीजन डॉ. एएम पावडे़, सीनियर साइंटिस्ट, पैरासिटोलॉजी डिवीजन हीरा राम, साइंटिस्ट मेडिसिन डिवीजन डॉ. के महेंद्रन, साइंटिस्ट सीडब्लूएल डॉ. करिकलन, कानपुर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सिंह शामिल हैं। यहीं लोग लखनऊ के डॉक्टरों के साथ हिप्पो का पोस्टमार्टम भी करेंगे। पिछले महीने 25 जून को 14 साल की मादा हिप्पो मुन्नी की मौत हुई थी। उसके बाद से हिप्पो बादल गुमसुम हो गया था। जू में बचे हैं तीन हिप्पो
जू के आकर्षण का केंद्र रहे हिप्पो बादल और 14 साल की हिप्पो मुन्नी की मौत की खबर पा कर जू कर्मचारी भावुक हो गए। इसके अलावा जू में अब तीन हिप्पो और हैं। जिनमें दो नर एक मादा हैं। जिनमें एक डेढ़ साल का बच्चा है। उन्होंने बताया कि यह हिप्पो दुर्लभ वन्यजीवों में शुमार किया जाता है। हिप्पो लगभग 35 से 40 साल तक जीते हैं। एक माह में दो मगरमच्छों की मौत
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में पिछले एक महीने में दो मगरमच्छों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 22 जून और दिसंबर में सर्दी के मौसम में एक-एक मगरमच्छ की मौत हुई थी। इस तरह पिछले सात महीनों में तीन मगरमच्छ की मौत हो चुकी है। जू के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि शुक्रवार को एक मगरमच्छ की आपसी लड़ाई में मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बाहरी व आंतरिक चोट की वजह से मगरमच्छ की मौत हुई है। अब प्राणि उद्यान में कुल आठ मगरमच्छ बचे हैं। जू में लगातार मर रहे वन्यजीव
पिछले साल नवंबर-दिसंबर की सर्दी में व्हाइट टाईगर आर्यन, भालू राजकुमारी, बब्बर शेरनी शुभागी, बब्बर शेर प्रिंस और एक मगरमच्छ की मौत हुई। वहीं इस साल तेंदुआ दीया, गैंडा लोहित, दो मगरमच्छ, दो हिप्पो मुन्नी-बादल और टाईगर शिशिर की मौत हुई।