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Hindi Diwas 2021: राष्ट्रीय पटल पर चमक रहीं हिंदी की प्रतिभाएं, बाराबंकी के रचनाकारों ने हासिल कीं उपलब्धियां

बाराबंकी के रचनाकारों ने कविताओं के जरिये इंटरनेट मीडिया के माध्यम से किसी ने लोगों में ऊर्जा बढ़ाने का काम किया तो किसी ने नई काव्यकृति का ही सृजन कर दिया। वहीं एक कवयित्री ने अपनी कविताओं के माध्यम से फिल्मी दुनिया में भी दस्तक दे दी है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 01:27 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 02:52 PM (IST)
Hindi Diwas 2021: राष्ट्रीय पटल पर चमक रहीं हिंदी की प्रतिभाएं, बाराबंकी के रचनाकारों ने हासिल कीं उपलब्धियां
कोरोना काल के बावजूद बाराबंकी के रचनाकारों ने हासिल कीं उपलब्धियां।

बाराबंकी, जागरण संवाददाता। सेवा को संकल्प मानकर काम करने वाले विपरीत हालातों में अवसर तलाश लेते हैं। ऐसे ही कुछ उदाहरण कोरोना संक्रमण काल में जिले के रचनाकारों ने प्रस्तुत किए हैं। कविताओं के जरिये इंटरनेट मीडिया के माध्यम से किसी ने लोगों में ऊर्जा बढ़ाने का काम किया तो किसी ने नई काव्यकृति का ही सृजन कर दिया। इतना ही नहीं जिले से संबंध रखने वाली कवयित्री ने अपनी कविताओं के माध्यम से फिल्मी दुनिया में भी दस्तक दे दी है। हिंदी के इन रचनाकारों ने अपनी उपलब्धियों से जनपद का मान देश में बढ़ाने का काम किया है। प्रस्तुत है रिपोर्ट..

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वायरल हो रहीं गजेंद्र की कविताएं: कोरोना काल में गीतकार गजेंद्र प्रियांशु ने कवि धर्म के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन किया। अलग अंदाज में गीत लिखने व पढ़ने के लिए चर्चित गजेंद्र ने गीतों के माध्यम से गांव, किसान की जहां महत्ता बताई वहीं के साथ ही प्रवासियों के दर्द को भी गाया। उनके नए-पुराने गीत इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। उनकी उपलब्धि ही कही जाएगी कि संक्रमण घटने के साथ गजेंद्र के शो के भी आयोजन होने लगे हैं। डा. कुमार विश्वास की ओर से भेजी गई मेडिकल किट का वितरण कराकर उन्होंने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन किया।

किशोर ने रच दिया प्रबंध काव्य: वीर रस के कवि के रूप में अखिल भारतीय काव्य मंचों पर काव्यपाठ करने वाले लक्ष्मणपुरी कालोनी निवासी कवि रामकिशोर तिवारी किशोर ने भी संक्रमण काल का उपयोग अपनी साहित्य साधना को ऊर्जस्वित बनाने में दिया। उन्होंने इस अवधि में ‘रानी लक्ष्मीबाई’ प्रबंध काव्य का सृजन किया। सात सर्गों में विभक्त इस महाकाव्य में लक्ष्मी बाई के जीवन से विभिन्न पहलुओं को उकेरा गया है। इसके अलावा वह इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपनी कविताओं से श्रोताओं में ऊर्जा का संचार भी किया।

फिल्म में गूंज रही आवाज: लखनऊ की बेटी के रूप में पहचान बना चुकीं सुप्रसिद्ध कवयित्री कविता तिवारी की बाराबंकी के आवास विकास मुहल्ले में ससुराल है। हालांकि, वर्तमान में वह पति वैभव मिश्र के साथ नोएडा में रह रही हैं। उन्होंने कोरोना संक्रमण काल में नकारात्मक को हावी नहीं होने दिया, बल्कि इस दौरान विशेष उपलब्धि भी हासिल की। उनकी कविता ''हे ईश्वर मालिक हे दाता, हे जगत नियंता दीनबंधु'' की पंक्तियां उन्हीं की आवाज में मशहूर अभिनेता अजय देवगन की फिल्म ''भुज द प्राइड आफ इंडिया'' में गूंज रही हैं। करीब दो मिनट तक कविता तिवारी की पंक्तियों के वाचन का अभिनय फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने किया है।


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