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यूपी के गांवों में विकसित किए जाएंगे ई-लर्निंग पार्क, ...ताकि शिक्षण कार्य में रोड़ा न बन सके इंटरनेट

उत्तर प्रदेश में शिक्षा में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने ग्रामीण अंचलों में ई-लर्निंग पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है जो आनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के कि लिए काफी सहायक होंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 04:18 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 04:28 PM (IST)
यूपी के गांवों में विकसित किए जाएंगे ई-लर्निंग पार्क, ...ताकि शिक्षण कार्य में रोड़ा न बन सके इंटरनेट
यूपी के उच्च शिक्षा विभाग ने ग्रामीण अंचलों में ई-लर्निंग पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में शिक्षा में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने  ग्रामीण अंचलों में ई-लर्निंग पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है, जो आनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के कि लिए काफी सहायक होंगे। ई-लर्निंग पार्क की सुविधा से न केवल शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इन दूरस्थ ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार भी होगी।

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उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के अनेक राजकीय महाविद्यालय पिछड़े क्षेत्रों में हैं, जहां पर इन आधुनिक तकनीकी संसाधनों की कमी महसूस की जाती है। विशेषकर पिछडे़ क्षेत्र के निर्धन और वंचित छात्र-छात्राओं को शिक्षण कार्य से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है और डिजिटल गैप को समाप्त करने के लिए शिक्षण संस्थानों की कमियों को दूर करते हुए प्रणाली विकसित करने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है।

उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों में आनलाइन पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया था। लाॅकडाउन के पहले दो चरणों में ही 15 हजार शिक्षकों ने नौ लाख छात्र-छात्राओं को आनलाइन उच्च शिक्षा उपलब्ध कराई है। इस दोरान यह अनुभव किया गया कि ग्रामीण अंचल में निर्बाध इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे प्रदेश के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को असुविधा का सामना करना पड़ा।

उन्होंने बताया कि राज्य में केवल 25 प्रतिशत छात्रों के पास ही स्मार्टफोन, लैपटॉप और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है। इस डिजिटल डिवाइड गैप को कम करने के लिए और राज्य के तहसील व ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों के छात्रों को ध्यान में रखते हुए ई-लर्निंग पार्क विकसित करने की योजना विभाग ने बनाई है। ऐसे पार्क राजकीय महाविद्यालयों में स्थापित किए जाएंगे, जहां कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन, वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध रहेगी। साथ ही उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा भी उपलबध रहेगी।

उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि छात्रों के लिए उच्च शिक्षा विभाग डिजिटल लाईब्रेरी भी विकसित कर रहा है। इस समय डिजिटल लाईब्रेरी में 134 विषयों को 71 हजार से अधिक ई-कंटेंट उपलब्ध हैं, जिन्हें 23 विश्वविद्यालयों और कई महाविद्यालयों के शिक्षकों ने तैयार किया है। यह पाठ्य सामग्री छात्रों को निशुल्क उपलब्ध है।


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