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New Education Policy 2020: यूपी की यूनीवर्सिटीज में लागू होगा समान पाठ्यक्रम, चार कुलपतियों की कमेटी गठित

उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजों में यूजी व पीजी में न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम लागू करने के लिए चार कुलपतियों की एक हाईपावर कमेटी का गठन किया गया है। प्रत्येक संकाय के लिए पांच सदस्यीय सुपरवाइजरी कमेटी अलग से गठित की गई हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:21 PM (IST)
New Education Policy 2020: यूपी की यूनीवर्सिटीज में लागू होगा समान पाठ्यक्रम, चार कुलपतियों की कमेटी गठित
यूपी के विश्वविद्यालयों में यूजी और पीजी कोर्सेज में एक समान पाठ्यक्रम नए शैक्षिक सत्र से लागू होगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजों में स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्सेज में न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम नए शैक्षिक सत्र 2021-22 से लागू किया जाएगा। यूजी व पीजी में न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम लागू करने के लिए चार कुलपतियों की एक हाईपावर कमेटी का गठन किया गया है। प्रत्येक संकाय के लिए पांच सदस्यीय सुपरवाइजरी कमेटी अलग से गठित की गई हैं। वहीं समयबद्ध तरीके से नई शिक्षा नीति के अनुसार बदलाव करते हुए न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम लागू हो इसके लिए कमेटियों में आपसी सामंजस्य और मानीटरिंग के लिए अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। 

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प्रदेश भर में विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में अभी अलग-अलग पाठ्यक्रम यूजी व पीजी में पढ़ाया जाता है। पूरे प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम नए शैक्षिक सत्र 2021-22 से लागू किया जाएगा। जिन चार कुलपतियों की कमेटी इसे तय करेगी उसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति प्रो. जेवी वैशंपायन, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति प्रो. एनके तनेजा और सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे शामिल हैं।

चार कुलपतियों की कमेटी तीन सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी कि विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम में कितना हिस्सा एक समान रखा जाए और कितना हिस्सा वह अपनी जरूरत के अनुसार पढ़ा सकते हैं। यही नहीं कोर्स एक समान होने से विद्यार्थियों को एक शहर से दूसरे शहर जाने पर दूसरे विश्वविद्यालय में ट्रांसफर होने पर कठिनाई नहीं होगी। क्योंकि करीब 60 प्रतिशत पाठ्यक्रम एक जैसा हो तो विद्यार्थी आसानी से दूसरे विश्वविद्यालय में ट्रांसफर हो सकते हैं।

वहीं, नई शिक्षा नीति के अनुसार बदलाव कर न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद व समय से उसे तैयार कराने के लिए बनीं चार सदस्यीय राज्य स्तरीय कमेटी में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग के अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. पूनम टंडन, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. हरे कृष्ण और नोएडा के मायावती राजकीय पीजी कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा शामिल हैं।


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