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लखनऊ में बिल्डरों की मनमानी रोकने को हाई कोर्ट सख्त, इन सुझावों पर अमल का दिया आदेश

हाई कोर्ट ने फ्लैट खरीदने वालों का बिजली कनेक्शन काटने के खिलाफ बिल्डर की ओर से दाखिल याचिका को अस्वीकार कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 07:05 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 07:05 PM (IST)
लखनऊ में बिल्डरों की मनमानी रोकने को हाई कोर्ट सख्त, इन सुझावों पर अमल का दिया आदेश
लखनऊ में बिल्डरों की मनमानी रोकने को हाई कोर्ट सख्त, इन सुझावों पर अमल का दिया आदेश

लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने फ्लैट खरीदने वालों का बिजली कनेक्शन काटने के खिलाफ बिल्डर की ओर से दाखिल याचिका को अस्वीकार कर दिया है। कोर्ट ने ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए अहम आदेश दिया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) सचिव मंगला प्रसाद की ओर से दिए गए आठ सुझावों पर तत्काल अमल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है।

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लखनऊ शहर के गोमती नगर के विजय खंड स्थित भूखंड संख्या ए-1/16 पर एलडीए की ओर से पास नक्शे से इतर निर्माण वाली मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में रह रहे फ्लैट खरीदने वालों की बिजली काटने के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करते हुए यह आदेश जस्टिस अनिल कुमार व जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने विकासकर्ता सिल्वर बिल्टेक की ओर से दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने बिजली कनेक्शन जोड़ने का आदेश देने से तो मना कर दिया, किंतु कहा कि यदि कोई प्रभावित फ्लैट मालिक स्वयं कोर्ट आता है तो उसकी याचिका पर विचार किया जा सकता है।

असल में सिल्वर बिल्टेक की इसी मांग वाली एक याचिका पहले खारिज हो चुकी थी जिसके चलते कोर्ट ने बिल्डर की ओर से ही दूसरी याचिका सुनने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने इसी याचिका पर स्वत: इस बात पर संज्ञान ले लिया कि बिल्डर के कारनामों से निर्दोष आम लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा फंस जाता है। कोर्ट ने एलडीए सचिव मंगला प्रसाद को तलब कर सुझाव मांगा व फिर उस पर अमल के लिए आदेश जारी कर दिया।

ये आठ सुझाव

1. प्राधिकरण विकास क्षेत्र में संबंधित बिल्डर्स/विकासकर्ता निर्माण स्थल पर इस आशय का बोर्ड अवश्य लगवाए, जिसका प्रारूप निम्नवत हो -

क) मानचित्र स्वीकृति की तारीख

ख) मानचित्र वैधता की अवधि

ग) परमिट संख्या

घ) प्लाट संख्या

च) ग्राउंड फ्लोर कवरेज

छ) तलों की संख्या

ज) यूनिट की संख्या तथा उनका यूनिटवार क्षेत्रफल

झ) प्रश्नगत निर्माण का भू-उपयोग

ट) रेरा रजिस्टे्रशन नंबर

2. फ्लैट के रजिस्टे्रशन/अलाटमेंट के समय बिल्डर्स/विकासकर्ता को स्वीकृत मानचित्र की प्रमाणित प्रति देना अनिवार्य होगा।

3. फ्लैट के निबंधन के पूर्व संबंधित विकासकर्ता/बिल्डर्स द्वारा पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाय तथा विक्रय-विलेख के साथ पूर्णता प्रमाण-पत्र संलग्न होने के बाद ही निबन्धन की कार्यवाही की जाय।

4. फ्लैट के निबंधन के पूर्व विकासकर्ता/बिल्डर्स द्वारा प्राधिकरण से ऑनलाइन ट्रांसफर परमीशन लेना अनिवार्य होगा व ट्रांसफर परमीशन संलग्न होने के बाद ही निबंधन विभाग द्वारा निबंधन की कार्यवाही की जाय।

5. प्रत्येक भवन का स्थायी विद्युत कनेक्शन प्राधिकरण की ऑनलाइन अनापत्ति प्राप्त होने के बाद ही विद्युत विभाग द्वारा की जाय।

6. सीवर व जल कनेक्शन भी जलकल/नगर निगम द्वारा प्राधिकरण की ऑनलाइन अनापत्ति प्राप्त होने के बाद की जाय।

7. प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत हाउसिंग की स्वीकृतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय व प्राधिकरण की बेवसाइट पर भी डाला जाय।

8. बिल्डर्स/विकासकर्ता द्वारा हाउसिंग/फ्लैट्स के स्वीकृत मानचित्र में जो स्थल/भूमि पार्क एवं खुला स्थल, मार्ग, सामुदायिक सुविधाएं, उपयोगिताएं के लिए आरक्षित है, उन पर किसी भी प्रकार से अतिक्रमण/ निर्माण नहीं किया जाएगा।


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