Lucknow Hotel Levana Case: हाई कोर्ट ने आरोपितों की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित किया
Lucknow Hotel Levana Case जमानत याचिकाओं का राज्य सरकार व पीड़ित परिवारों के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। लेवाना अग्निकांड मामले की एफआइआर हज़रतगंज थाने के एसएसआइ दयाशंकर द्विवेदी ने पांच सितंबर को दर्ज कराई थी। एक अन्य आरोपित पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत मंजूर कर चुकी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लेवाना होटल अग्निकांड मामले के तीन आरोपितों रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल व सागर श्रीवास्तव की ओर से दाखिल अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सोमवार को तीनों आरोपितों की ओर से दाखिल जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की।
याचियों की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए दलील दी गई कि मामला दुर्घटना का है जबकि उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में एफआइआर लिखा दी गई है। यह भी दलील दी गई कि यह कहना गलत है कि होटल के फायर सेफ़्टी उपकरण काम नहीं कर रहे थे। जमानत याचिकाओं का राज्य सरकार व पीड़ित परिवारों के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। लेवाना अग्निकांड मामले की एफआइआर हज़रतगंज थाने के एसएसआइ दयाशंकर द्विवेदी ने पांच सितंबर को दर्ज कराई थी। इस मामले में एक अन्य आरोपित पवन अग्रवाल की उम्र और बीमारियों को देखते हुए हाई कोर्ट 19 अक्टूबर को अग्रिम जमानत मंजूर कर चुकी है।
यह है मामलाः बता दें कि लेवाना सुइट होटल में भीषण अग्निकांड में चार बेकसूरों की जान चली गई थी। 12 लोग झुलस गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरकारी अफसरों की मिलीभगत से पांच साल से आवासीय नक्शे पर चल रहे होटल को सील करते हुए संचालक और मैनेजर को हिरासत में लिया गया था।
हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर मांगा था जवाब
हाई कोर्ट ने लेवाना सुइट्स होटल में आग की घटना के बाद स्वतः संज्ञान लेकर सरकार, एलडीए व चीफ फायर आफीसर से विस्तृत जवाब मांगा था। कोर्ट ने एलडीए को सर्वेक्षण करने के उपरांत विस्तृत हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा था कि शहर में कितने भवन एलडीए के बायलाज का उल्लंघन करते हुए बनाए गए हैं और उन पर क्या कार्रवाई की गई।