सरकारी बंगलों को पार्टी दफ्तर बनाने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
पार्टी दफ्तरों में आस-पास के सरकारी बंगलों को मिला लेने के खिलाफ दायर याचिका पर याची को पूरक शपथपत्र दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी द्वारा राजधानी में पार्टी दफ्तरों में आस-पास के सरकारी बंगलों को मिला लेने के खिलाफ दायर याचिका पर याची को पूरक शपथपत्र दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। याचिका पर सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने मोतीलील यादव की याचिका पर दिया। याचिका में सरकारी बंगलों को तोड़कर इन तीनों राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने पार्टी दफ्तरों में मिला लिए जाने का मुद्दा उठाया गया है। याची ने राजधानी के पॉश इलाकों में स्थित इन बंगलों को पार्टी कार्यालयों मे मिला लेने संबंधी सरकार के आदेशों को रद किये जाने और इस प्रकरण की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने का आग्रह किया है।
ऐसे बंगलों को खाली कराकर उनके मूल स्वरूप में लाए जाने और राजनीतिक पार्टियों से इसका मुआवजा वसूले जाने की गुजारिश भी की है। याची का आरोप है कि इन राजनीतिक पार्टियों ने अपने शासनकाल के दौरान सत्ता शक्ति का दुरुपयोग करते हुए सरकारी बंगलों को अपने कार्यालय भवन में मिला लिया, जो गैर कानूनी व मनमाना कदम था।
याचिका पर सोमवार को सुनवाई शुरू होते ही याची ने कुछ कागज कोर्ट के सामने पेश किए। इस पर कोर्ट ने याची को सभी कागज शपथपत्र पर दाखिल करने को कहा।