आगरा के इनर रिंग रोड के खिलाफ याचिका खारिज
जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा शहर में इनर रिंग रोड के लिए भूमि अध्ि
उपब्यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा शहर में इनर रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दाखिल दर्जनों याचिकाएं खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि जनहित को देखते हुए सरकार ने यह योजना तैयार की है, जिस पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की खंडपीठ ने रामबाबू व अन्य किसानों की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि राज्य सरकार व आगरा विकास प्राधिकरण की योजना के तहत एनएच-2 व एनएच-3 को जोड़ने तथा शहर की भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए रिंग रोड बनाया जा रहा है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण के लिए अधिकांश किसानों की सहमति भी ले ली गई है तथा उन्होंने जमीन का मुआवजा भी प्राप्त कर लिया है। याचियों का कहना था कि उनके आवासीय भूखंडों को भी रिंग रोड के तहत अधिगृहीत किया जा रहा है।
प्राधिकरण के अधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी का कहना था कि रिंग रोड का निर्माण जनहित में किया जा रहा है। यह शहर की भीड़ को डायवर्ट कर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बनाया जा रहा है। 2010 के अधिग्रहण के खिलाफ 2013 में विलंब से याचिका दाखिल की गई है। सरकार की तरफ से स्थायी अधिवक्ता आरएन पांडेय ने भी पक्ष रखा।
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