ठंड में बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा, हाई ब्लड प्रेशर के रोगी रखें खास ख्याल Lucknow News
ठंड से करें बचाव दवाओं को न करें ब्रेक ब्लड प्रेशर रोगी बंद न करें दवा दिक्कत होने पर तुरंत करें चिकित्सक से संपर्क।
लखनऊ, जेएनएन। ठंड में ब्रेन में हेमेरेजिक स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसका कारण, ठंड में रक्तनलिकाओं के सिकुडऩे के साथ-साथ ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना है।
केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एके गर्ग के मुताबिक, ब्रेन स्ट्रोक कई प्रकार का होता है। इसमें एक स्ट्रोक रक्त वाहिकाओं में थक्का जमने पर होता है। इसे इस्केमिक स्ट्रोक कहते हैं। यह दो तरह का होता है, थांब्रोटिक व इंबोलिक। इसके अलावा दूसरा हेमेरेजिक स्ट्रोक होता है, जोकि रक्तवाहिका के रेप्चर होने से होता है। ठंड के दिनों में हेमेरेजिक स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। कारण, ठंड लगने से रक्तवाहिका सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। लिहाजा, ब्रेन में रक्त वाहिकाओं में रेप्चर हो जाता है। लिहाजा, व्यक्ति ठंड से बचें। ब्लड प्रेशर रोगी दवा बंद न करें। दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्ट्रोक के लक्षण
शरीर के एक ही तरफ के चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नपन, झनझनाहट होना, कमजोरी महसूस होना, अचानक लडख़ड़ाना, चक्कर आना, शरीर का संतुलन बिगडऩा, बोलने या समझने में मुश्किल, धीरे या अस्पष्ट बोलना, एक या दोनों आंखों से देखने में कठिनाई, तेज सिरदर्द होना, जी मचलना और उलटी होना, बेहोशी, होठ और आंख एक तरफ लटक जाए तो यह स्ट्रोक के लक्षण हैं।
इनको अधिक खतरा
उच्चरक्तचाप, मधुमेह, हदय रोग या उच्च कोलस्ट्रॉल से पीडि़त रोगी को स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
लोहिया संस्थान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भुवन चंद्र के मुताबिक, हृदय रोगी नियमित चिकित्सक को दिखाएं। ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें। दवा न छोड़े। ठंड में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सीने में तेज दर्द, शरीर में भारीपन, घबराहट, सांस लेने में दिक्कत होना, अचानक पसीना आना, बेहोशी आना हार्टअटैक के लक्षण हैं।
रखें ध्यान
- फास्टफूड व तैलीय खाद्यपदार्थों का अत्यधिक सेवन न करें
- पर्याप्त नींद लें, तनाव से दूर रहें
- धूमपान व शराब का सेवन न करें
- सुबह-शाम टहलने के समय में बदलाव कर लें
- उच्च रक्तचाप के मरीज सर्दी में अधिक हार्ड एक्टीविटी करने से बचें
- ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक न पिएं
- गुनगुना पानी व गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें
- तीन-चार लेयर में कपड़े पहनें
- वजन पर नियंत्रण रखें
- पौष्टिक व संतुलित आहार लें
- नियमित समयांतराल में रक्तचाप की जांच कराएं
- ब्लड प्रेशर, शुगर के रोगी दवा बंद न करें।