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हीरू हत्‍याकांड : पुलिस की लापरवाही से परिवारीजनों को नहीं मिल पाई बच्‍ची

चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी में जाने के बजाए पुलिस बच्‍ची को लेने पहुंची थी बाल संरक्षण गृह। परिवारीजनों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप, अर्हताएं पूरी करने के बाद मिलेगी बच्‍ची।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 11:21 AM (IST)
हीरू हत्‍याकांड : पुलिस की लापरवाही से परिवारीजनों को नहीं मिल पाई बच्‍ची
हीरू हत्‍याकांड : पुलिस की लापरवाही से परिवारीजनों को नहीं मिल पाई बच्‍ची

लखनऊ, (जेएनएन)। राजधानी के चर्चित हीरू सिंह हत्याकांड में आरोपित उसके पति दीपक कपूर को 48 घंटे की रिमांड पर लेकर नाका पुलिस उत्तराखंड में खाक छानती रही। पुलिस न तो हीरू का शव बरामद कर सकी और न ही उसकी मासूम बच्‍ची को परिवारीजनों के सिपुर्द कर सकी। परिवारीजनों ने पुलिस पर लापरवाही और किशोर न्याय बोर्ड की जानकारी न होने का आरोप लगाया है। जिसके कारण उत्तराखंड जाने के बाद भी बच्‍ची उन्हें नहीं मिल सकी।

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उत्तराखंड में दो दिन तक हीरू सिंह के शव की खोजबीन कर नाका पुलिस रिमांड पर लिए गए हत्यारोपित दीपक कपूर को लेकर बुधवार देर रात लौट आई। इंस्पेक्टर नाका विश्वजीत सिंह ने बताया कि आरोपित दीपक कपूर के बताए स्थानों पर लखीमपुर से खटीमा तक कई जगहों पर हीरू सिंह के शव की खोजबीन की गई। पूछताछ के दौरान दीपक ने बताया कि रात का समय था इसलिए उसे ठीक से स्थान याद नहीं है।

इसके बाद पुलिस देहरादून स्थित बाल संरक्षण गृह में बच्‍ची को लेने पहुंची। जहां, बाल संरक्षण अधिकारियों ने कहा कि बच्‍ची उनके परिवारीजनों के सिपुर्द की जाएगी न कि पुलिस के। सुपुर्दगी की सारी अर्हताएं पूरी करनी होंगी। वहीं, हीरू सिंह के भाई महेंद्र और भांजी शुभी का आरोप है कि उत्तराखंड ले जाकर पुलिस ने शव की ठीक से खोजबीन नहीं की। उन्हें जानकारी दिए बिना देहरादून बाल संरक्षण गृह पहुंच गई। परिवारीजनों का आरोप है कि वहां जाकर पता चला कि बच्‍ची को लेने के लिए कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूरी करने पड़ेगी। पुलिस अगर पहले ही बता देती तो सारे कागज तैयार करके पहुंचते ताकि बच्‍ची मिल जाती।

सीडब्ल्यूसी के माध्यम से परिवारीजनों के सिपुर्द होगी बच्‍ची

उधम सिंह नगर सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन डॉ. रजनीश बत्रा ने बताया कि चार सितंबर को खटीमा पुलिस बच्‍ची को लेकर उनकी संस्था में आई थी। क्योंकि बाल संरक्षण गृह देहरादून में है इस लिए बच्‍ची को वहां भेज दिया गया था। लखनऊ पुलिस ने सीडब्ल्यूसी से संपर्क करने के बजाए सीधे बाल संरक्षण गृह चली गई। इसलिए वहां बच्‍ची को उनके सुपुर्द नहीं किया गया। बच्‍ची की सुपुर्दगी परिवारीजनों को की जाएगी। हालांकि परिवारीजन सीडब्ल्यूसी आए थे। उन्हें सारी अर्हताएं पूरी करने के बारे में बता दिया गया है। परिवारीजन जब भी आएंगे बच्‍ची उनके सुपुर्द कर दी जाएगी।


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