लापरवाही : हार्ट रोगी महिला की जांच के इंतजार में निकल गई जान, KGMU में चरमराई इमरजेंसी सेवाएं
हृदय रोगी महिला की छठे दिन रिपोर्ट मिल सकी। ऐसे में उसकी सांसें थम गईं। चार अक्टूबर को वृद्धावस्था विभाग के होल्डिंग एरिया में भर्ती किया गया था। सीटी एंजियोग्राफी रिपोर्ट में फंसा रहा इलाज। एंजियोप्लास्टी का जमा 66 हजार नहीं किए वापस।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में इमरजेंसी सेवाएं चरमराई हुई हैं। यहां डॉक्टर मरीज का इलाज करने के बजाए दौड़ा रहे हैं। वहीं, गंभीर मरीजों की जांच में भी कई दिन लग रहे हैं। लिहाजा, समय पर उपचार न मिलने से उनकी मौत हो रही है। यहां भर्ती हृदय रोगी महिला की छठे दिन रिपोर्ट मिल सकी। ऐसे में उसकी सांसें थम गईं।
फैजाबाद के निरालानगर निवासी अमरावती तिवारी (54) को सीने में तेज दर्द हुआ। परिवारजन शिवशंकर स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां हार्ट की नस में ब्लॉक बताया गया। ऐसे में मरीज को लारी रेफर कर दिया गया। शिवशंकर के मुताबिक अमरावती को चार अक्टूबर को वृद्धावस्था विभाग के होल्डिंग एरिया में भर्ती किया गया। यहां कोरोना टेस्ट के लिए दौड़ाते रहे। करीब दो घंटे बाद सैंपल संग्रह कर होल्डिंग एरिया में भर्ती किया गया। इमरजेंसी में कोरोना की तत्काल जांच के बजाए 22 घंटे बाद रिपोर्ट मिली। इस दरम्यान मरीज की हालत और गंभीर हो गई। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर अमरावती को लारी र्डियोलॉजी में 24 घंटे बाद आइसीयू में शिफ्ट किया गया। यहां के डॉक्टरों ने मरीज की सीटी एंजियो जांच लिख दी।
सीटी एंजियोग्राफी रिपोर्ट में फंसा रहा इलाज
शिवशंकर के मुताबिक, अमरावती को डॉक्टर तत्काल कैथ लैब शिफ्ट कर एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी करने के बजाए टरकाते रहे। उन्हें सीटी एं जियोग्राफी जांच लिख दी। ऐसे में गंभीर मरीज को तीन सौ मीटर दूर नेत्र रोग विभाग के बगल में सीटी एंजियोग्राफी कराने गए। यहां तीसरे दिन रिपोर्ट मिलने का दावा किया गया। मगर, नहीं मिली। आठ हजार रुपये जमा करने के बावजूद जांच कराने के बाद पांचवें दिन मरीज की रिपोर्ट मिली। शनिवार को साढ़े ग्यारह बजे आई रिपोर्ट से इलाज नहीं हो सका। एक घंटे बाद मरीज की सांसें उखड़ गईं।
एंजियोप्लास्टी का जमा 66 हजार नहीं किए वापस
शिवशंकर के मुताबिक, लारी में एंजियोप्लास्टी के लिए एडवांस में 66 हजार रुपये जमा करा लिए गए थे। मरीज को रिपोर्ट आने पर स्टेंट डालने का दावा किया गया। मगर, स्टेंट नहीं पड़ सके। बावजूद रुपये वापस नहीं किया गए। कागजों की लंबी प्रक्रिया बताकर शव देकर बाहर कर दिया गया। वहीं पैसे के लिए बाद को बुलाया गया।
सीएम से कार्रवाई की मांग
शिवशंकर ने कहा कि मरीज को बेहतर इलाज की आस में केजीएमयू ले गए। यहां छह दिन तक जांच के लिए डॉक्टर दौड़ाते रहे। हार्ट के गंभीर मरीज की समय पर एंजियोप्लास्टी नहीं हो सकी, जबकि ऐसे मरीजों को तत्काल इलाज मिलना चाहिए। काफी फरिरयाद के बावजूद डॉक्टर-स्टाफ अनसुनी करता रहा। लिहाजा, सीएम से ऑनलाइन शिकायत कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या बोले KGMU प्रवक्ता ?
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक, घटना की जानकारी नहीं है। परिवारजन चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में शिकायत करें। मामले की जांच की जाएगी। लापरवाही मिलने पर संबंधित डॉक्टर-स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी।