स्वाथ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के जिले में पैसा न होने पर मरीज को बाहर फेंका
यहां के सरकारी बेली हॉस्पिटल में एक व्यक्ति को इसलिए बाहर फेंक दिया गया क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे उसको बेली हॉस्पिटल के ही कैंपस रैन बसेरा कैंपस में ही फेंका गया है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। स्वाथ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के जिले के अस्पतालों का बहुत बुरा हाल है। यहां के सरकारी बेली हॉस्पिटल में एक व्यक्ति को इसलिए बाहर फेंक दिया गया क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे उसको बेली हॉस्पिटल के ही कैंपस रैन बसेरा कैंपस में ही फेंका गया है। तीन दिन से भूखा प्यासा मरीज तड़प रहा है लेकिन किसी को दया नहीं आ रही है। मामला तेज नारायण सप्रू हास्पिटल का है। जिसमें तीन दिन पहले एक मरीज भर्ती किया गया था।
बताते चलें कि आज हि विधानसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दो माह के भीतर सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को पूरा करने की बात कही है। सपा के नितिन अग्रवाल और अमनमणि त्रिपाठी के प्रश्न पर मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 7300 विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत है, लेकिन इसके सापेक्ष 2970 कार्यरत है। इस कमी को पूरा कराने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया है। खासकर पूर्वांचल के लिए विशेष कार्ययोजना है। पांच वर्ष में इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण डाक्टरों की समस्या बनी है, लेकिन आठ माह की कोशिश में काफी हद तक समाधान हो गया। जनवरी व फरवरी में डाक्टरों की कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया जाएगा।