इंटर पास मेधावियों के लिए अच्छी खबर, प्रशिक्षण के नौकरी भी देगा एचसीएल
प्रशिक्षण देकर एचसीएल मुहैया कराएगा जॉब। जॉब के साथ ही हासिल कर सकेंगे उच्च शिक्षा। प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को दस हजार रुपये पारिश्रमिक भी दिया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। यूपी बोर्ड से 70 प्रतिशत व अन्य बोर्ड से इंटरमीडिएट में 80 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों के लिए तकनीकि क्षेत्र में रोजगार के अवसर होंगे। एचसीएल टेक्नोलॉजी लखनऊ ने इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले ऐसे मेधावी विद्यार्थियों को 15 माह का प्रशिक्षण देकर जॉब मुहैया कराने का रास्ता तैयार किया है। प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को दस हजार रुपये पारिश्रमिक दिया जाएगा। इसके बाद सालाना दो लाख बीस हजार की जॉब मुहैया होगी। इसके लिए इन छात्रों को फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स से इंटरमीडिएट होना अनिवार्य है।
शनिवार को चकगजरिया स्थित एचसीएल सिटी में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने एचसीएल टेक्नोलॉजी की ओर से शुरू किए गए वर्क इंटीग्रेटेड हायर एजूकेशन प्रोग्राम की लांचिंग की। डिप्टी सीएम ने कहा इंटरमीडिएट करने के विद्यार्थियों पर जिम्मेदारी व आगे की पढ़ाई का तनाव रहता है। एचसीएल के इस कदम से बड़ा और सार्थक परिवर्तन आएगा। इंटर कर रहे छात्रों में मेहनत व अच्छे अंक लाने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी। डिप्टी सीएम के कहने पर एचसीएल ने प्रशिक्षण पर आने वाले खर्च को 50 प्रतिशत कम कर दिया। एचसीएल के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट संजय गुप्ता ने कहा अभी फिलहाल दो छात्रों का चयन किया जाएगा।
यह छात्र प्रशिक्षण व जॉब के दौरान से ही बिट्स पिलानी से चार वर्षीय बीएससी कर सकेंगे। इसके बाद चार साल का एमटेक कोर्स भी कर सकेंगे। कुल आठ वर्षों में प्रशिक्षण व रोजगार के साथ विद्यार्थी अपनी उच्च शिक्षा में भी इजाफा कर सकेंगे। इस दौरान डिप्टी सीएम द्वारा एचसीएल लखनऊ की वेबसाइट लांच की गई। इस मौके पर शिक्षा विभाग की सचिव संध्या तिवारी, एचसीएल लखनऊ सेंटर हेड ऋषि कुमार, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा सुरेंद्र तिवारी, डीआईओएस मुकेश कुमार समेत तमाम स्कूलों के प्रिसिंपल व शिक्षक मौजूद रहे। डिप्टी सीएम ने कहा प्रदेश के हर मंडल में मॉडल स्कूल बनेंगे। नोएडा में जल्द ही इलेक्ट्रानिक सिटी बनेगी। गोरखपुर में शैक्षिक संस्थान में ही बड़े स्टेडियम का निर्माण होगा। जहां ओलंपिक स्तर की प्रतियोगिताएं संपन्न हो सकेंगी।
निजी विवि पर लगेगी लगाम
डिप्टी सीएम ने विश्वविद्यालयों को लेकर तैयार किए जा रहे अंब्रेला एक्ट पर कहा विवि की मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा। पीएचडी व डीलिट् की उपाधि दिए जाने में विश्वविद्यालयों का मनमाना रवैया नहीं चलेगा। हालांकि विवि की स्वायत्तता व स्वच्छंदता बरकरार रहेगी।