Hathras Case: जातीय संघर्ष कराने के षड्यंत्र की जांच करेगी STF, PFI की भूमिका पर भी नजर
Hathras Case उत्तर प्रदेश हाथरस कांड की आड़ में जातीय व सांप्रदायिक संघर्ष की साजिश की छानबीन अब एसटीएफ करेगी। जांच के दायरे में वेबसाइट के जरिये सुनियोजित ढंग से माहौल बिगाड़ने की साजिश से लेकर पीएफआइ व उसकी स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट आफ इंडिया की भूमिका भी होगी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश हाथरस कांड की आड़ में जातीय व सांप्रदायिक संघर्ष की साजिश की छानबीन अब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) करेगी। जांच के दायरे में वेबसाइट के जरिये सुनियोजित ढंग से माहौल बिगाड़ने की साजिश से लेकर पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) व उसकी स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट आफ इंडिया की भूमिका भी होगी। शासन के निर्देश पर एसटीएफ की एक विशेष टीम गठित कर उसे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। वेबसाइट के जरिए विदेश से फंडिंग की परतें भी एसटीएफ खंगालेगी।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि एसटीएफ की विशेषज्ञता व दक्षता के दृष्टिगत उसे हाथरस कांड को लेकर सूबे में माहौल बिगाडऩे की साजिश की छानबीन सौंपी गई है। पुलिस ने हाथरस में छह मुकदमे दर्ज कराए थे, जिनमें देशद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र, जातीय उन्माद भड़काने, पुलिस पर हमला, यातायात बाधित करने, कोविड-19 की गाइडलाइन व धारा 144 के उल्लंघन आदि आरोप थे। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिये माहौल बिगाडऩे की साजिश के 13 अन्य मुकदमे भी दर्ज हुए थे।
सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ माहौल बिगाड़ने की साजिश की तह तक पहुंचने के लिए हाथरस के अलावा अलीगढ़, मथुरा, नोएडा, गाजियाबाद व कुछ अन्य जिलों में छानबीन करेगी। उल्लेखनीय है कि हाथरस कांड की आड़ में वेबसाइट के जरिये करोड़ों की विदेशी फंडिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है।
बता दें कि हाथरस में युवती की मौत मामले में सोशल मीडिया पर एक न्यूज चैनल का फर्जी स्क्रीन शॉट तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार को बदनाम करने की साजिश का सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्क्रीन शॉट में ब्रेकिंग न्यूज लिखकर मुख्यमंत्री की फोटो के साथ बाकायदा उनका फर्जी बयान जारी किया गया