Hathras Case: उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ विपक्ष के हमले तेज, मुख्यमंत्री का इस्तीफा भी मांगा
Hathras Case हाथरस की दुष्कर्म पीड़िता की मौत ने उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं। समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा।
लखनऊ, जेएनएन। हाथरस की दुष्कर्म पीड़िता की मौत ने उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा। हाथरस प्रकरण को बेहद पीड़ादायी बताया और मुख्यमंत्री के त्यागपत्र की मांग भी उठी।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की सामूहिक दुष्कर्म दलित पीड़िता के शव को उसके परिवारीजन को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में आधी रात को अंतिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निंदा करती है। अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये ऐसा कतई नहीं लगता है कि दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी।
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि हाथरस की बेटी दुष्कर्म और हत्याकांड में शासन के दबाव में परिवार की अनुमति बिना रात में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना संस्कारों के विरुद्ध है, ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है। भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी। वहीं, आम आदमी पार्टी अध्यक्ष व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर लिखा- हाथरस की पीड़िता का पहले कुछ वहशियों ने दुष्कर्म किया और कल पूरे सिस्टम ने दुष्कर्म किया। पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर लिखा कि रात को 2.30 बजे परिवारीजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब तक वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिवारीजन से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दोगुना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।