Move to Jagran APP

Hathras Case News: SIT को मृत युवती की नकली भाभी की तलाश, PFI के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी आया सामने

Hathras Case News हाथरस के बूलगढ़ी गांव के केस के बहाने सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने की योजना में बड़ी साजिश सामने आ गई है। यहां पर पीएफआइ की मदद से बड़े दंगों की साजिश में भीम आर्मी के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी पता चल गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 11:16 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 02:39 PM (IST)
Hathras Case News: SIT को मृत युवती की नकली भाभी की तलाश, PFI के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी आया सामने
संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी

लखनऊ, जेएनएन। हाथरस के बूलगढ़ी गांव के बहाने उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने में पीएफआइ के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी सामने आया है। मृत दलित युवती के घर पर 16 सितंबर के बाद से ही सक्रिय 'भाभी' अब गायब हैं। घर में रहकर पीड़ित परिवार को भड़काने के साथ ही मीडिया में काफी बयान देने वाली भाभी अब सीन से गायब हैं। सरकार के विरोध में जमकर बयान देने वाली भाभी की पहचान जबलपुर में पीड़ित परिवार की कथित रिश्तेदार के रूप में हुई है।

loksabha election banner

हाथरस के बूलगढ़ी गांव के इस केस के बहाने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने की योजना में एक और बड़ी साजिश सामने आ गई है। यहां पर पीएफआइ की मदद से बड़े दंगों की साजिश में भीम आर्मी के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी पता चल गया है। अब एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। पुलिस के मुताबिक यह फर्जी रिश्तेदार पीड़ित स्वजन को लगातार गाइड कर रही थी कि मीडिया में क्या बयान देना है।

पुलिस का दावा है कि वह महिला पीड़ित परिवार को बरगला रही थी। पुलिस के मुताबिक तथाकथित रिश्तेदार (भाभी) डॉ. राजकुमारी पीड़ित परिवारों को बरगलाते हुए देखी गई है। केवल दलित होने के नाते परिवार के लोगों को भरोसे में लेकर पिछले कई दिनों से पीड़ित परिवार के यहां महिला रही थी। महिला अपने आप को मध्य प्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बता रही थी।

माना जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी। महिला अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाती है। इस महिला ने परिजनों को सरकार के विरोध में भड़काया। इतना ही नहीं खुद को पीड़ित परिवार का रिश्तेदार बताकर मीडिया में लगातार सरकार विरोधी बयान भी देती रही। फिलहाल अब वह सीन से गायब है और एसआइटी को उसकी जोरों से तलाश है।

महिला ने चेहरा ढककर परिवार की सदस्य बनकर कई न्यूज चैनलों को इंटरव्यू दिया था। इसमें उसने कई भड़काऊ बातें कही थीं। गांव वालों को भी फर्जी अफवाहों से भड़काया था। पुलिस के जांच शुरू करते ही वह लापता हो गई। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

एसआईटी जांच में सामने आया कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़ित के घर में रहकर महिला एक्टिविस्ट बड़ी साजिश रच रही थी। महिला एक्टिविस्ट घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। घटना के 2 दिन बाद से ही संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट पीड़ित के गांव पहुंच गई थी। चर्चा है पीड़ित के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी।

पीड़ित की भाभी बोलीं- जबलपुर की रिश्तेदार

इस संबंध में पीड़ित की भाभी ने बताया कि महिला का नाम राजकुमारी है। यह जबलपुर की रहने वाली है। उसका एक बच्चा है। दूर की रिश्तेदार है। घटना के बाद से ही रिश्तेदार दूर-दूर से आ रहे हैं। वह भी आई थी। बाद में चली गई।

कोविड के बहाने चेहरा ढक कर परिवार वाला बन कर इसने कई चैनलों को इंटरव्यू दिया, इस दौरान महिला ने कई आपत्तिजनक, भड़काऊ और झूठी बातें कहीं थीं। महिला पर आरोप है कि उसने गांववालों में अफवाह फैलाकर उन्हेंं भी भड़काने का काम किया है। पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो महिला घर से लापता हो गई, पुलिस महिला का सुराग लगाने में जुटी है।

हाथरस केस की जांच कर रही एजेंसी को पता चला कि नक्सली महिला घूंघट में पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। वह 16 सितंबर से ही पीड़िता के गांव, यानी घटना के दो दिन बाद से ही सक्रिय हो गई थी। वह पीड़ित परिवार के साथ घर में रहकर वह परिवार के लोगों को रूप से भड़का रही थी। पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली नक्सली एक्टिविस्ट महिला की कॉल डिटेल्स में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। अब एसआइटी जल्द ही इसका खुलासा कर सकती है।

एसआइटी की प्राथमिक जांच में जातीय हिंसा फैलाने के लिए विदेशी फंडिग की बात सामने आ चुकी है। यहां दंगा फैलाने की साजिश में भीम आर्मी का नाम भी आ चुका है। इस केस में फॉरेन फंडिंग के साथ-साथ नक्सली एंगल की एसआइटी और पुलिस की जांच के दायरे में हैं। अब पुलिस के शक होते ही महिला घर से चुपचाप खिसक ली। कई वीडियो में भी महिला को देखा जा सकता है जो अपना नाम कथित तौर राजकुमारी बता रही थी।

मृतका के घर रिश्तेदार बनकर रहे भीम आर्मी के लोग

भीम आर्मी हाथरस के बूलगढ़ी गांव में माहौल बिगाडऩे की साजिशकर्ता बनकर सामने आई है। पुलिस को इनपुट मिला है कि भीम आर्मी के तीन लोग पीड़िता के घर रिश्तेदार बनकर रह रहे थे। उन्होंने घर में रहकर परिजनों को सरकार के विरोध में भड़काया। इतना ही नहीं खुद को पीड़ित परिवार का रिश्तेदार बताकर भीम आर्मी के लोग मीडिया में लगातार सरकार विरोधी बयान भी देते रहे, जिसके चलते यह मुद्दा इतना बड़ा बन गया। भीम आर्मी के चंद्रशेखर बूलगढ़ी गांव की पीड़िता का हाल जानने 27 सितंबर को जेएन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ पहुंचे थे। यहीं से भीम आर्मी के कार्यकर्ता युवती के स्वजन के संपर्क में आए। पीड़ित युवती की 29 सितंबर की सुबह करीब 6 बजे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में मौत हो गई थी। इसकी सूचना पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी सफदरजंग अस्पताल पहुंचे थे। उनके साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने युवती की मौत के बाद हंगामा किया था। आरोपितों को फांसी की सजा की मांग करते हुए रात तक हंगामा जारी रखा था। उसी दिन रात को पीड़िता का शव गांव लाया गया और पुलिस ने रात में ही उसका अंतिम संस्कार करा दिया।

तभी से युवती के स्वजन के साथ भीम आर्मी से जुड़ी एक युवती व दो पुरुष रह रहे थे। यह खुद को रिश्तेदार बता रहे थे। यह लोग भी मीडिया को बयान दे रहे थे, जिनके निशाने पर प्रशासन और सरकार ज्यादा रही। भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर चार अक्टूबर को हाथरस आए थे। एसपी विनीत जयसवाल ने बताया कि भीम आर्मी के लोग जब पीड़िता से मिलने आए थे, तो एक युवती को यहां छोड़ गए थे, यह जानकारी खुफिया तंत्र से मिली थी। वह मीडिया के सामने परिवार की सुरक्षा और पलायन की बात कह रही थी। जब उनसे जानकारी की गई कि कौन हैं और कहां से आई हैं तो वह वह कुछ बता नहीं सकी। वह चली गई है। एक-दो और लोगों के पहले भी स्वजन के साथ रहने की जानकारी मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.