हरदोई पेट्रोल पंप मामले में सही था भूमि प्रस्ताव निरस्त करने का फैसला
मुख्य सचिव राजीव कुमार ने हरदोई में पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए जमीन संबंधी मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने हरदोई में पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए जमीन संबंधी मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। राजीव कुमार ने अपनी रिपोर्ट में राजस्व संहिता का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि ग्राम समाज की लोक उपयोगिता की जमीन का अभिषेक गुप्ता की भूमि से अदला-बदली किया जाना जनहित में नहीं है। उन्होंने जमीन की अदला-बदली के प्रस्ताव को निरस्त करने के फैसले को सही ठहराया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरदोई में पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए जमीन संबंधी मामले का शुक्रवार को संज्ञान लेते हुए मामले की जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंपी थी। मुख्यमंत्री का निर्देश मिलने के बाद मुख्य सचिव ने हरदोई के डीएम, एसडीएम, प्रमुख सचिव राजस्व और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल समेत कई अधिकारियों से पूछताछ कर मामले की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने देर शाम अपनी रिपोर्ट सौंप दी। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि अभिषेक गुप्ता की गाटा संख्या-184 का रास्ता गाटा संख्या-187 जो लखनऊ-हरदोई मार्ग पर स्थित है से अदला-बदली किए जाने के प्रस्ताव का परीक्षण शासन स्तर पर किया गया। परीक्षण में यह पाया गया कि रास्ते के रूप में दर्ज भूमि, जो लखनऊ-हरदोई मार्ग पर स्थित है, उसका विनिमय अभिषेक गुप्ता ने अपनी जमीन के पिछले भाग से किया जाना प्रस्तावित किया है। राजमार्ग पर स्थित ग्राम समाज की रास्ते की भूमि अभिषेक की सड़क के पीछे की ओर स्थित जमीन से बदला जाना जनहित में नहीं होगा। इसकी उपयोगिता भी नहीं रह जाएगी। ऐसे में जमीन की अदला-बदली का प्रस्ताव राजस्व संहिता की धारा के अनुरूप लोक उपयोगी और उपयुक्त नहीं है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि रास्ते की भूमि सार्वजनिक उपयोगिता की भूमि होती है। ऐसी जमीनों की भूमि की श्रेणी परिवर्तन किये जाने का प्रावधान खास परिस्थिति में ही हो सकता है। रिपोर्ट में 2016 के एक शासनादेश के हवाले से यह भी स्पष्ट किया गया है कि निजी उद्योग, निजी संस्था, निजी कंपनी, न्यास आदि के लिए श्रेणी परिवर्तन में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि डीएम और प्रमुख सचिव राजस्व ने भूमि परिवर्तन का प्रस्ताव अग्रसारित करते हुए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल के पास भेजा था। अभिषेक का आरोप था कि गोयल ने पहले प्रस्ताव अनुमोदित करने को कहा और फिर 25 लाख रुपये मांगे। रुपये न देने पर उन्होंने प्रस्ताव निरस्त कर दिया। हालांकि पुलिस हिरासत में अभिषेक अपने बयान से पलट गये।