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टूटा रिकॉर्ड : हज 2020 के लिए सबसे कम आवेदन, छह साल में इतनी महंगी हुई यात्रा Lucknow News

Haj Yatra 2020 एक वर्ष में घट गए 12 हजार आवेदन मात्र 22 हजार फार्म जमा। प्रदेश के हज कोटे की सीटें भरना कमेटी के लिए बड़ी चुनौती।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 07:13 AM (IST)
टूटा रिकॉर्ड : हज 2020 के लिए सबसे कम आवेदन, छह साल में इतनी महंगी हुई यात्रा Lucknow News
टूटा रिकॉर्ड : हज 2020 के लिए सबसे कम आवेदन, छह साल में इतनी महंगी हुई यात्रा Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। देश की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से इस बार हज यात्रा 2020 के लिए सबसे कम आजमीनों ने आवेदन किया है। जबकि, वर्ष 2019 तक सबसे ज्यादा यहीं से आजमीन हज यात्रा की तमन्ना के साथ आवेदन जमा करते थे। अधिक मुस्लिम आबादी होने की वजह से केंद्र ने उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक 30237 सीटों का कोटा आवंटित किया था। इसके बावजूद हज यात्रा 2020 के आवेदन में रिकॉर्ड कमी आई है। इसकी वजह ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया अनिवार्य करना और महंगाई बताई जा रही है।

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उत्तर प्रदेश से अब तक केवल 22 हजार आजमीनों ने ही हज यात्रा के लिए आवेदन किया है, जो पिछले छह वर्षों में सबसे कम है। ऐसे में प्रदेश की कोटे की सीटें भरना भी मुश्किल हो गया है। 

पहले ही बढ़ चुकी है तिथि

आवेदकों की संख्या बढ़ाने के लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया एक बार अंतिम तिथि को 25 दिन आगे भी बढ़ा चुकी है। इसकी मियाद गुरुवार (पांच दिसंबर) को पूरी हो जाएगी।

31 दिसंबर तक तिथि बढ़ाने की मांग

प्रदेश का हज कोटा पूरा करने के लिए स्टेट हज कमेटी ने लिखित पत्र भेजकर सेंट्रल हज कमेटी से आवेदन की अंतिम तिथि को दूसरी बार बढ़ाने की मांग की है। जबकि, कमेटी द्वारा पहले ही एक बार अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जा चुका है। पहले दस नवंबर अंतिम तिथि थी, जिसको बढ़ाकर पांच दिसंबर किया गया था। कमेटी के सहायक सचिव जावेद खान ने बताया कि आवेदकों को एक मौका और देने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर करने की मांग की गई है, लेकिन इस संबंध में अब तक कोई आदेश नहीं मिला है। 

ऑनलाइन आवेदन व हज यात्रा महंगी होना वजह 

प्रदेश से आवेदनों में कमी की दो वजहें हैं। एक ऑनलाइन आवेदन की अनिवार्यता। दूसरी, हज यात्रा महंगी होना। इस बार सेंट्रल हज कमेटी ने ऑफलाइन आवेदन स्वीकार्य नहीं किए। ऑनलाइन की अनिवार्यता की वजह से जिलों में बेहतर इंटरनेट सुविधा न होने से 50 फीसदी से कम फॉर्म ही जमा हो सके हैं। 

पांच साल में एक लाख महंगी हुई हज यात्रा

अगर हज पर खर्च की बात की जाए तो वर्ष 2019 में करीब 30 हजार रुपये हज यात्रा महंगी हुई थी। यही हाल पिछले वर्षों का भी रहा। वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक करीब एक लाख रुपये हज यात्रा महंगी हो चुकी है।   

कितनी महंगी हज यात्रा 

वर्ष    -   ग्रीन     -    अजीजिया 

2019  -   290850  -  253800    

2018  -   260100  -  225950

2017  -   236350  -   202950

2016  -   218400  -  184500

2015  -   202550  -  169800

2014  -   192093  -  161378

(स्रोत : स्टेट हज कमेटी)

प्रदेश का कोटा 

वर्ष   -     कोटा    -    आवेदन 

2019  -   30237   -    34397

2018  -   29851  -     42914

2017  -   29017   -    51375

2016  -   21800   -    48708

2015  -   22000  -     41705

2014  -   24707  -     36700

(स्रोत : स्टेट हज कमेटी)

देश का कोटा 

वर्ष  -   हज कमेटी  -  पीटीओ     

2019 - 125025   -   50000      

2018 -  125025  -    46300

2017 -  118950  -    45000

2016 -   94000   -    36000

2015 -   94000  -     36000

2014 -   94000   -    36000  

(स्रोत : स्टेट हज कमेटी)


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