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ज्ञानी गुरुजीत ने समाप्त कराया महंत परमहंसदास का उपवास, बोले 'सवा नहीं 70 एकड़ में बने राममंदिर'

अयोध्या में गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ने गाय का दूध पिला समाप्त कराया परमहंसदास का उपवास।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 07:53 PM (IST)
ज्ञानी गुरुजीत ने समाप्त कराया महंत परमहंसदास का उपवास, बोले 'सवा नहीं 70 एकड़ में बने राममंदिर'
ज्ञानी गुरुजीत ने समाप्त कराया महंत परमहंसदास का उपवास, बोले 'सवा नहीं 70 एकड़ में बने राममंदिर'

अयोध्या, जेएनएन। सुप्रीमकोर्ट ने रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए 70 एकड़ भूमि मुकर्रर की है, तो इस विस्तृत भूक्षेत्र को ध्यान में रखकर मंदिर का निर्माण होना चाहिए। रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए विहिप नेतृत्व, उसके समर्थक संतों तथा लाखों कार्यकर्ताओं का पुरुषार्थ-पराक्रम प्रशंसनीय है और उसे भुलाया नहीं जा सकता, पर आज जब हमें भव्य मंदिर निर्माण का अवसर मिला है, तो उसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। यह कहना है, मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह का। 

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वे गुरुवार को सुबह भव्यतम मंदिर निर्माण के लिए 30 घंटे तक निर्जल उपवास रखने वाले तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसदास का उपवास समाप्त कराने के बाद 'जागरण से मुखातिब थे। उन्होंने कहा, राममंदिर के लिए विहिप का प्रयास अविस्मरणीय है, पर हमें मिले अवसर के अनुरूप राममंदिर का निर्माण सवा एकड़ के पुराने मॉडल के आधार पर नहीं बल्कि 70 एकड़ में करना चाहिए। मुख्यग्रंथी ने राममंदिर के साथ राष्ट्रमंदिर की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया और कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रमंदिर का स्वरूप भव्यता की ओर सतत अग्रसर है और हमें यह साबित करना है कि मोदी अकेले नहीं हैं, उनके साथ 135 करोड़ भारतीय हैं। 

महंत परमहंसदास ने मुख्यग्रंथी के प्रति आभार ज्ञापित किया और कहा, उन जैसे जिम्मेदार आध्यात्मिक-सांस्कृतिक नेतृत्व के सहयोग से भव्यतम मंदिर की उनकी मांग जरूर कामयाब होगी। उन्होंने कहा, भव्यतम मंदिर की बजाय 128 फीट ऊंचा और सवा एकड़ से भी कम भूमि में मंदिर निर्माण की जिद भगवान राम के वैशिष्ट्य उनके भक्तों की भावना-परिकल्पना के साथ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की भावनाओं पर भी कुठाराघात होगा, जो गगनचुंबी और भव्य-दिव्य राममंदिर की बात कहते रहे हैं।

रामलला की आरती का श्रद्धालु अब घर बैठे सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन कर सकेंगे। सुबह से देर शाम तक रामलला की कुल पांच आरती होती है और मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इन सभी आरतियों का सोशल मीडिया के माध्यम से सीधा प्रसारण करने की तैयारी में है। श्रद्धालु इसे घर बैठे फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब पर देख सकेंगे। इसी के साथ ही रामलला के शृंगार की भी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड की जाएगी। राम मंदिर में तड़के सबसे पहले मंगला आरती होती है। उसके बाद शृंगार आरती होती है। मध्याह्न भोग आरती, सायं संध्या आरती और देर शाम शयन आरती होती है।


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