Green UP: उत्तर प्रदेश को हरा-भरा करने की तैयारी, प्रदेश की 150 हाईटेक नर्सरियों में तैयार होंगे 22 करोड़ पौधे
Mission Green Drive In UP ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार हाईटेक नर्सरी के लिए उद्यान विभाग की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप इजराइली तकनीक के अनुसार तैयार की जाएगी। सभी जगह पर नर्सरी का रख-रखाव राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के क्लस्टर लेवल फेडरेशन के माध्यम से होगा।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वन संपदा को बढ़ाने के साथ ही शहरी क्षेत्र की हरियाली में भी इजाफा कराने का कार्यक्रम तैयार कर लिया है। इसके तहत प्रदेश में नर्सरियां स्थापित करने की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 150 हाईटेक नर्सरियों में 22 करोड़ से अधिक पौधे तैयार किए जाएंगे। प्रदेश के सभी जिलों में दो-दो हाईटेक नर्सरियां तैयार की जाएंगी। एक नर्सरी की स्थापना में एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना पर सरकार 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। नर्सरी की स्थापना की तेजी से तैयारियां की जा रही हैं।
हाईटेक नर्सरियों को प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय परिसर, उद्यान विभाग के रिसर्च सेंटर में स्थापित किया जाएगा। नर्सरियों के संचालन का कार्य उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से किया जाएगा। निदेशक उद्यान नर्सरियों की स्थापना के लिए टेंडर आदि की कार्रवाई करेंगे। समिति में विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि व भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। निर्देश हैं कि नर्सरियों के लिए स्थल चयन की कार्यवाही माह के अंत तक पूरी कर ली जाए।
ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार हाईटेक नर्सरी के लिए उद्यान विभाग की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप इजराइली तकनीक के अनुसार तैयार की जाएगी। सभी जगह पर नर्सरी का रख-रखाव राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के क्लस्टर लेवल फेडरेशन के माध्यम से होगा। महात्मा गांधी नरेगा योजना व उद्यान विभाग के तकनीकी सहयोग व मार्ग-दर्शन में हाइटेक नर्सरी बनेगी। इस योजना के तहत स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों व आसपास के क्षेत्रों में मांग के अनुसार फल जैसे- अनार, कटहल, नींबू, आम, अमरूद व सब्जी की पौध तैयार की जाएगी।
नर्सरियों के निर्माण के लिए पौध व उन्नतशील बीज उद्यान विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। नर्सरी के निर्माण के लिए उद्यान विभाग अनुसार एक से चार हेक्टेयर भूमि जरूरी है। योजना के तहत नर्सरी से हर वर्ष 12 लाख से 16 लाख की शाक-भाजी, फल, औषधीय आदि पौधों का उत्पादन होगा। नर्सरियों में प्रापर फेंसिंग, नेट हाउस, सिंचाई सुविधा, हाईटेक ग्रीन हाउस आदि अवस्थापना सुविधाएं भी होंगी। नर्सरी में उत्पादित पौधों की बिक्री स्थानीय स्तर पर किसानों, क्षेत्रीय स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों (एफपीओ), राज्य स्तर पर अन्य प्राइवेट नर्सरियों और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्य सरकारों के पौधारोपण के लिए व अन्य राज्यों के किसान व किसान संगठनों को मुहैया कराया जाएगा।