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दो महीने की कुकिंग ट्रेनिंग क्लास, निकले स्वाद के नन्हे उस्ताद

होटल रेनेसा में दो महीने चली बच्चों की कुकिंग क्लास। ग्रैंड फिनाले में निखरे स्वाद के नन्हे उस्ताद।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 02:28 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 02:34 PM (IST)
दो महीने की कुकिंग ट्रेनिंग क्लास, निकले स्वाद के नन्हे उस्ताद
दो महीने की कुकिंग ट्रेनिंग क्लास, निकले स्वाद के नन्हे उस्ताद

लखनऊ[दुर्गा शर्मा]। स्वाद के नन्हे उस्तादों को कुकिंग एक्सपर्ट्स का साथ मिला तो बच्चों के साथ-साथ दिग्गज शेफ को भी कुछ अलग सीखने को मिला। अभिभावक भी मास्टर शेफ संग अपने बच्चों को काम करते देख उत्साहित थे। शेफ के मार्गदर्शन में बच्चों ने भोजन के रूप में पाककला का हुनर परोसा। होटल रेनेसा में बच्चों की दो महीने की कुकिंग क्लास के बाद शनिवार को ग्रैंड फिनाले हुआ। तीन घटे तक चले फिनाले के बाद सभी बच्चों को सर्टिफिकेट दिए गए।

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एक्जीक्यूटिव शेफ बलविंदर पाल सिंह लुबना ने बताया कि होटल में पहली बार बच्चों के लिए कुकिंग ट्रेनिंग वर्कशॉप शुरू की गई। इसके लिए अलग-अलग विधा में माहिर शेफ की अलग टीम तैयार की गई। मई और जून में कुकिंग क्लासेज के चार सेशन हो चुके हैं। पास्ता, पिज्जा, डोनट, कप केक, पैन केक, वेफल और मफिन्स आदि बनाने के तरीके बताए गए। इनके मार्ग दर्शन में मिली ट्रेनिंग:

- एग्जीक्यूटिव शेफ बलविंदर सिंह लुबना (वेस्टर्न और काटिनेंटल)

- शेफ संतोष (इटैलियन)

- शेफ अभिजीत (मैक्सिकन)

- शेफ जितेंद्र उपाध्याय (पेस्ट्री)

बच्चों ने सीखा :

- किचन में काम करने की मूलभूत बातें।

- खाने में पानी, आग और नमक की उपयोगिता।

- भोजन के आकर्षक प्रस्तुतिकरण का तरीका।

- टेबल मैनर।

- टीम वर्क।

बच्चों से मास्टर शेफ ने जाना:

एग्जीक्यूटिव शेफ बलविंदर ने बताया कि बच्चों के उत्साह का अलग स्तर होता है। उनका दृष्टिकोण भी अलग होता है। कल्पनाशीलता भी गजब की होती है। पाककला में यह सारी ही चीजें जरूरी हैं। एक्सपर्ट के साथ काम करते-करते चीजों का दायरा सा बन गया है। बच्चों के साथ ट्रेनिंग वर्कशॉप ने नये अनुभव दिए। एक बच्ची ने सवाल किया कि ओट्स से केक क्यों नहीं बन सकता? इसके बाद हमने ओट्स बेस मफिन्स तैयार किए। ऐसे ही बच्चों की जिज्ञासाओं ने कुछ नये डिश तैयार करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उनके स्वाद का अंदाजा भी हुआ।

बच्चों और अभिभावकों का अनुभव:

- बेटे विहान को लेकर आईं दीप्ती ने कहा कि भविष्य की बेहतर तैयारी के लिए बेटे को कुकिंग क्लास ज्वाइन कराया। बचपन में जैसी आदत डालेंगे बड़े होकर वही सामने होगा। खाना बनाना सिर्फ लड़कियों का काम नहीं है। लड़कों को भी आना चाहिए। कल को कॅरियर के लिए उसे अकेले रहना पड़ा तो खुद भोजन बनाने की काबिलियत होगी।

- रिवर बैंक कॉलोनी निवासी दीपिका टंडन ने बेटी काशिया को ट्रेनिंग क्लास से जोड़ा। इसके पीछे बेटी के पाककला के कुदरती हुनर को तराशने की सोच थी। - कक्षा छह में पढ़ रहीं अमायरा दुग्गल ने कहा कि कुकिंग का शौक है। मम्मी के साथ कुक करते हैं पर होटल में खाना बनाना घर से अलग था। यहा हर चीज परफेक्ट करनी होती है।

- बेटी साशी गुप्ता को लेकर आईं चारबाग निवासी मीनल गुप्ता ने कहा कि बेटी को बेकिंग का शौक है। पढ़ाई के बीच समय निकालकर कुकिंग क्लास कराते हैं। अगर इसे कॅरियर के तौर पर भी लेना होगा तो बेटी को आसानी होगी। ग्रैंड फिनाले में बने डिश : पास्ता, क्यूसैडिला (मैक्सिकन डिश), फ्रेश फ्रूट टार्ट और मोहितो डिंक।

मम्मियों ने चखा स्वाद :

बच्चों ने खुद की बनाई डिशेज को शेफ के बताए तरीके अनुसार प्रस्तुत किया। उसके बाद बच्चों के बनाए डिश का मम्मियों ने स्वाद चखा।


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