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दुनिया के लिए आदर्श है हमारी संस्कृति : राज्यपाल राम नाईक

इंदिरा गाधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम को राज्यपाल राम नाईक किया संबोधित। बोले, अनेक भाषा, वेश रीति-रिवाजों से देश की पहचान। गंगा, कुंभ और धर्म ग्रंथों ने यहा की संस्कृति को किया समृद्ध।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 12:47 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 12:47 PM (IST)
दुनिया के लिए आदर्श है हमारी संस्कृति : राज्यपाल राम नाईक
दुनिया के लिए आदर्श है हमारी संस्कृति : राज्यपाल राम नाईक

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। अनेक भाषा, वेश और रीति-रिवाजों का समावेश है भारत। गंगा, कुंभ और विभिन्न धर्म ग्रंथों ने संस्कृति को समृद्ध किया है। यह हमारी धरोहर है और दुनिया के लिए आदर्श है। राज्यपाल राम नाईक शुक्रवार को इंदिरा गाधी प्रतिष्ठान में देश की संस्कृति पर खुलकर बोले। साथ ही संस्कृति की समृद्धि के लिए नई पीढ़ी में संस्कारों की नींव मजबूत करने की अपील भी की।

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सात दिवसीय भारतीय संस्कृति उत्सव का उद्घाटन करने के बाद राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में रीति-रिवाज, बोली-भाषा भले ही अलग है, लेकिन हम एक ही संस्कृति के पुजारी हैं। हमारी संस्कृति पर कई तरह से आक्त्रामण हो रहे हैं, फिर भी हमने इसे अक्षुण्ण रखा है। नई पीढ़ी को संस्कार सिखाकर हम अपनी संस्कृति को और समृद्ध कर सकते हैं। अगले वर्ष प्रयाग में कुंभ मेला लगेगा। 13 करोड़ से अधिक लोग आएंगे। विदेशी भी शामिल होंगे। वे यहा संस्कृति को समझेंगे। इससे दुनिया में हमारी संस्कृति का प्रचार-प्रसार होगा।

बैठने से बैठ जाता है भाग्य :

राज्यपाल ने अपनी पुस्तक चरैवेति-चरैवेति का एक दृष्टात सुनाया। कहा, जो बैठा है उसका भाग्य भी बैठ जाता है। इसलिए सूर्य की तरह चलते रहो, जिससे भाग्य भी चलता रहेगा। बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो सोच-विचार कर काम करता है। ऐसे लोग पहले तो कोई काम शुरू नहीं करते, यदि प्रारंभ करते हैं तो उसे पूरा अवश्य करते हैं।

संस्कृत से संस्कृति का विकास :

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व में अनुकरणीय है। यह हमारी माटी में रची-बसी है। संस्कृत से ही इसका विकास हुआ है। जहा संस्कृति होती है वहा लोगों का आचरण शुद्ध रहता है। प्रो. अरुणोश, प्रो. विट्ठल दास मूंधड़ा, संयोजक शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन प्रकाश त्रिपाठी ने किया।


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