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स्त्री-पुरुष के बिना सामाजिक जीवन की उपयोगिता नहीं : राज्यपाल राम नाईक

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि दोनों एक गाड़ी के दो पहिए, समाज की अग्रणी महिलाओं को स्वयं सिद्धा सम्मान से नवाजा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 11:03 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 11:03 AM (IST)
स्त्री-पुरुष के बिना सामाजिक जीवन की उपयोगिता नहीं : राज्यपाल राम नाईक
स्त्री-पुरुष के बिना सामाजिक जीवन की उपयोगिता नहीं : राज्यपाल राम नाईक

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। स्त्री-पुरुष एक गाड़ी के दो पहिए के समान हैं। एक-दूसरे के बिना सामाजिक जीवन की उपयोगिता नहीं है। व्यवहारिक रूप से दोनों में श्रेष्ठ कौन है, यह तय कर पाना मुश्किल होता है। राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार को गोमतीनगर के एक होटल में समाज की अग्रणी महिलाओं को स्वयं सिद्धा सम्मान से नवाजा। साथ ही उनके सामाजिक जीवन के महत्व पर प्रकाश डाला।

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राज्यपाल ने कहा कि दुनिया में सबसे पुरानी हमारी संस्कृति है। हमारे देश में नारियों को प्राचीन काल से ही पूजनीय माना जाता रहा है। नारियों ने समाज में हमेशा उल्लेखनीय कार्य किए हैं। आज भी महिलाएं हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर रही हैं, लेकिन चिंता की बात है कि महिला उत्पीड़न, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा जैसे मामले कम नहीं हो रहे हैं। हम महिलाओं को मा, बहन, बेटी और प8ी के रूप में देखते हैं। इसके बावजूद महिलाओं पर हो रहे अत्याचार बढ़ने पर दुख होता है। महान शिक्षाविद् डॉ. राधा कृष्णन ने कहा था कि महिलाएं शिक्षित होती हैं तो उससे दो घरों के लोग शिक्षित होते हैं। अटल जी ने सर्व शिक्षा अभियान और मोदी जी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चलाकर राधा कृष्णन के संदेश को जन-जन तक बढ़ाया है। इस बार उच्च शिक्षा में 51 फीसद से अधिक बेटियों ने डिग्री हासिल की हैं। यह इस बात का उदाहरण है। महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि शहर में सामाजिक परिवर्तन आ रहा है, लेकिन अभी गावों में महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने की जरूरत है। अरी मिथिला मगन भई, आज सिया का जनम भयो.

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने लोक गीतों के जरिए समाज में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डाला। कहा, बेटियों के जन्म पर आज भी गीत नहीं गाए जाते। 'अरी मिथिला मगन भई, आज सिया का जनम भयो' लोक गीत सुनाकर उन्होंने बेटियों के जन्म का उत्सव मनाने की अपील की।

इनको मिला स्वयं सिद्धा सम्मान:

अनुपमा फाउंडेशन की ओर से समाज में अग्रणी महिलाओं को राज्यपाल के हाथों सम्मानित कराया गया। इसमें आइएफएस ऑफिसर रेणु सिंह, प्रो. निशी पाडेय, दीया बद्गल, आभा सिंह, डॉ. जयदीप मल्होत्र, डॉ. उमा सिंह, डॉ. स्मृति सिंह, डॉ. शोभा कौल, आशा गोस्वामी, दिव्य शुक्ला, सबीहा अहमद, डॉ. विदुला दिलीप को स्वयं सिद्धा सम्मान प्रदान किया गया। वहीं, निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ. सुनील प्रधान, रीना सिंह समेत पाच लोगों को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर फाउंडेशन की अध्यक्ष अनुपमा सिंह, मेयर संयुक्ता भाटिया एवं पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के वाइस चेयरमैन मुकेश बहादुर सिंह भी मौजूद रहे।


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