भातखंडे ने विदेशों में भारतीय संगीत को और समृद्ध किया : राम नाईक
भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के नवनिर्मित कला मंडपम प्रेक्षागृह का उद्घाटन। राज्यपाल ने किया प्रेक्षागृह का उद्घाटन, कहा शास्त्रीय संगीत हमारी पहचान का प्रमुख हिस्सा।
लखनऊ, जेएनएन। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि शास्त्रीय संगीत हमारी पहचान का प्रमुख हिस्सा है। भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय ने भारत सहित विदेशों में कीर्ति अर्जित कर भारतीय शास्त्रीय संगीत को और समृद्ध करने का काम किया है। विश्वविद्यालय में विदेशों से भी विद्यार्थी भारतीय संगीत सीखने आते हैं, जो गर्व की बात है।
वह रविवार को भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय में बोल रहे थे। विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल राम नाईक ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने वंदेमातरम, सरस्वती वंदना और कुलगीत गाकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। मुक्ताकाशी मंच व नवनिर्मित कला मंडपम प्रेक्षागृह का उद्घाटन कर राज्यपाल ने स्व. विष्णु नारायण भातखंडे को याद करते हुए कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र से आकर लखनऊ को अपनी कर्मस्थली बनाकर उप्र और महाराष्ट्र के बीच रिश्ता बनाया।
दोनों प्रदेशों का रिश्ता बहुत गहरा है। प्रभु राम का जन्म अयोध्या में हुआ पर वह वनवास के समय नासिक के पंचवटी में रहे। शिवाजी महाराज ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना की पर उन्होंने छत्रपति तब मना गया जब काशी के विद्यान गागा भट्ट ने रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक कराया। मैं भी महाराष्ट्र से राज्यपाल बनकर उप्र आया और मैंने उप्र व महाराष्ट्र को जोडऩे का काम किया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. श्रुति सडोलीकर काटकर ने कहा कि प्रेक्षागृह बनने से विश्वविद्यालय का सपना पूरा हो गया।
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