प्रयागराज में क्रांतिकारियों को समर्पित जल्द बनेगी आजाद विथिका : राम नाईक
राज्यपाल ने चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर की घोषणा। 1857 से 1947 तक के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लने वाले क्रांतिकारियों को होगी समर्पित ।
लखनऊ, जेएनएन। प्रयागराज संग्रहालय में 1857 से 1947 तक के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लने वाले क्रांतिकारियों को समर्पित आजाद विथिका का निर्माण किया जायेगा। यह घोषणा राज्यपाल राम नाईक ने चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर महानगर चौराहा स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने सहमति देते हुए पहले चरण में 10 करोड़ स्वीकृत करने की बात कही है।
राज्यपाल ने कहा कि जिन नागरिकों के पास क्रांतिकारियों से जुड़े वारंट, सबूत या दस्तावेज हों उसे संग्रहालय को दान करें। जिससे वह वस्तु संग्रहालय की प्रमाणिकता एवं भव्यता का हिस्सा बने। राज्यपाल ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद में बचपन से ही मातृभूमि को स्वाधीन कराने की धुन थी। केवल 15 वर्ष की आयु में जब उन्हें गिरफ्तार किया गया और न्यायाधीश ने उनसे माफी मांगने की बात कही तो चंद्रशेखर ने निडरता से कहा कि मैं अपने देश पर मिटना पसन्द करूंगा, पर अंग्रेजों से माफी नहीं मांगूगा'। वे मानते थे कि देश की आजादी के लिए सशस्त्र संघर्ष जरूरी है।
इसी दृष्टि से उन्होंने काकोरी में रेलगाड़ी लूटकर अंग्रेजों के खजाने को प्राप्त करने का प्रयास किया था, जिससे हथियार खरीदे जा सकें। चंद्रशेखर आजाद ने यह प्रण किया था कि अंग्रेजों के हाथों नहीं मरना है। प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में उन्होंने अंग्रेजों से संघर्ष किया पर जब लगा कि आगे नहीं लड़ पाएंगे तो अपनी पिस्तौल की आखिरी गोली कनपटी पर मारकर देश के लिये आत्मार्पण कर दिया। इस अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद ने अकेले ही ब्रिटिश सैनिकों से बड़ी बहादुरी से मुकाबला किया। चंद्रशेखर आजाद के इस बलिदान ने देश के युवाओं में देशभक्ति की नई लौ को प्रज्वलित करने का कार्य किया।
प्रधानमंत्री ने बढ़ाया सेना का मनोबल
राज्यपाल ने कहा कि भारत की सेना पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। पूरे देश ने कल ही देखा कि भारत की सेना एक बार जो तय करती है तो किस प्रकार उस पर काम करती है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले से देश के सशस्त्र पुलिस बल के लोग शहीद हो गए थे, पूरा देश शोकाकुल और क्षुब्ध भी था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना का मनोबल बढ़ाया और कहा कि देश की सेना स्वतंत्र है कब, कहां और कैसे कारवाई करनी है, सेना तय करे। वायु सेना ने 30 मिनट में आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया।