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अधिवक्ता खुद से ऊपर उठकर समाज कल्याण में जुटें: राम नाईक

गांधी भवन सभागार में बोलते राज्यपाल राम नाईक। राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश का मूलभाव ही वसुधैव कुटुंबकम का है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 11:04 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 11:04 AM (IST)
अधिवक्ता खुद से ऊपर उठकर समाज कल्याण में जुटें: राम नाईक
अधिवक्ता खुद से ऊपर उठकर समाज कल्याण में जुटें: राम नाईक

लखनऊ, जेएनएन। अधिवक्ता केवल अपने केस और क्लाइंट तक सीमित न रहकर वसुधैव कुटुंबकम का भाव रखें। पहले भी वकीलों ने समाज को नई दिशा दिखाने में अहम भूमिका निभाई है, उम्मीद करते हैं कि वे आगे भी कुछ ऐसा ही करेंगे।

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प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को गांधी भवन सभागार में आयोजित अधिवक्ता जन सेवा संस्थान के 31 वें स्थापना दिवस समारोह में ये बातें बतौर मुख्य अतिथि कहीं। उन्होंने कहा कि हमारे देश का मूलभाव ही वसुधैव कुटुंबकम का है। हम हमेशा खुद से ऊपर उठकर पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हुए मदद में आगे बढ़ते हैं। वकीलों ने हमेशा समाज को नई दिशा दिखाई। इसलिए समाज सेवा के अपने भाव पर कायम रहते हुए वे आगे भी ऐसे ही काम जारी रखेंगे। इस मौके पर प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी समाजसेवा से जुड़े अधिवक्ताओं की प्रशंसा की। कहा कि समाज का ये वर्ग हमेशा देश की उन्नति के लिए आगे रहा है। 

कार्यक्रम में राज्य लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने भी अधिवक्ताओं को संदेश दिया। पीयूष कुमार मिश्र को शिक्षा के क्षेत्र में और विपिन कुमार श्रीवास्तव को सामाजिक कार्यो के लिए सम्मानित किया गया। अध्यक्ष अजित कुमार, सोहन लाल वर्मा, पंकज सिन्हा, रमेश मिश्र, चंदन वर्मा, रामगोपाल अग्रवाल भी मौजूद रहे।


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