साहित्य महोत्सव का आगाज, राज्यपाल ने कहा- अच्छे साहित्य से बनता है अच्छा समाज
डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में तीन दिन तक चलेगा महोत्सव।1731 मेडल में 1135 मेडल छात्राएं पाने में कामयाब रहीं हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्कृष्ट साहित्य समाज को सशक्त बनाता है। कुशल लेखक समाज को दिशा देता है। नई दिशा में चलने वाला समाज देश को तरक्की की राह पर ले जाता है। ऐसे में साहित्य को लिपिबद्ध करने वाले और युवाओं के बीच की खाई को मिटाने का प्रयास तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव के माध्यम से सोमवार से हुआ। डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आयोजित महोत्सव का राज्यपाल राम नाईक ने उद्घाटन किया।
राज्यपाल ने सभी संविधान दिवस की बधाई के साथ ऐसे आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया। राज्यपाल ने कहा कि देश संविधान से चलता है, लेकिन संविधान को मिटाने का प्रयास भी किया जाता है एक ओर जब हम संविधान दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद करते हैं तो आज ही के दिन 2008 में मुंबई में दहशतगर्दों ने 160 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे। उन्हें भी श्रद्धांजलि देने का दिन है। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल कापी शायद ही किसी ने पढ़ी होगी। राज्यपाल ने डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एसके भटनागर की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपके विधि विश्वविद्यालय में संविधान की मूलप्रति है, वह जवाब देते इससे पहले ही राज्यपाल ने कहा कि विधि विश्वविद्यालय में संविधान की मूल प्रति मैं गिफ्ट करूंगा।
राज्यपाल ने कहा कि साहित्य अच्छा होता है तो समाज भी अच्छा होता है। उन्होंने 'सर्व शिक्षा अभियान' व 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं 28 विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति हूं। 25 विश्वविद्यालयों का दीक्षांत करा चुका हूं। 12,79103 विद्यार्थियों की डिग्री बांट चुका हूं और उनमे 7,40977 छात्राएं थीं। उनका प्रतिशत पिछले वर्ष के मुकाबले पांच फीसद बढ़ा है। 56 फीसद छात्राएं पास होने में कामयाब हुईं। यहीं नहीं 1731 मेडल में 1135 मेडल छात्राएं पाने में कामयाब रहीं हैं। मौके पर उप्र भाषा संस्थान, राष्ट्रीय कलामंच, थिंक इंडिया, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से आयोजित महोत्सव में प्रसिद्ध पटकथा लेखिका व ब्लॉगर अद्वैता काला, भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.राज नारायण शुक्ला व निदेशक आद्यादत्त त्रिपाठी के साथ ही डॉ.सर्वेश सिंह, सिद्धार्थ शंकर दुबे, शिव भूषण सिंह व गौरव अवस्थी समेत कई साहित्यकार व छात्र मौजूद थे।