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विधान भवन पर गर्वनर राम नाईक और सीएम हाउस ने योगी आदित्यनाथ ने किया ध्वजारोहण

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण के बाद विधान भवन आकर राज्यपाल की अगवानी करने के साथ ही परेड का लुत्फ उठाया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 26 Jan 2018 12:59 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jan 2018 02:21 PM (IST)
विधान भवन पर गर्वनर राम नाईक और सीएम हाउस ने योगी आदित्यनाथ ने किया ध्वजारोहण
विधान भवन पर गर्वनर राम नाईक और सीएम हाउस ने योगी आदित्यनाथ ने किया ध्वजारोहण

लखनऊ (जेएनएन)। राज्यपाल राम नाईक ने आज देश के 69वें गणतंत्र दिवस पर लखनऊ में विधान भवन प्रांगण में ध्वजारोहण किया। इसके बाद उन्होंने परेड की सलामी ली। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण के बाद विधान भवन आकर राज्यपाल की अगवानी करने के साथ ही परेड का लुत्फ उठाया। मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका पहला गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम था। 

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उत्तर प्रदेश विधान भवन के सामने राज्यपाल राम नाईक ने तिरंगा फहराया। यहां पर झंडारोहण के बाद राज्यपाल रामनाईक ने परेड की सलामी ली। लेफ्टिनेंट कर्नल रजत सिंह पंवर ने उन्हें सलामी दी। परेड के बाद विभिन्न विभाग तथा स्कूल की झांकी निकाली गई। इसके बाद वहां पर रंगारंग कार्यक्रम भी हुआ। यूपी विधानसभा को तिरंगे झंडों से सजाया गया है।

आज कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और कई कैबिनेट मंत्री मौजूद थे। उत्तर प्रदेश के 16 विभाग ने इस मौके पर झांकियां निकालीं। इस बार निकाली जाने वाली झांकियां में प्रदेश के धार्मिक पर्यटन की झलक देखने को मिली।

इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने गणतंत्र दिवस पर लखनऊ में अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने वहां पर मौजूद सभी लोगों को शपथ दिलाने के साथ कहा कि आज भारतवर्ष के गणतंत्र के 68 वर्ष पूर्ण होने पर मैं आप सभी को हृदय से बधाई देता हूं। सीएम योगी ने कहा कि इस मौके पर हम लोग संकल्प लें कि हम उत्तर प्रदेश को गंदगी, गरीबी और अराजकता से मुक्त करेंगे।

उन्होंने कहा कि संकल्प लें कि हम प्रगति में बाधक विकृतियों को अपने उत्तर प्रदेश में घुसने नहीं देंगे। एकता और आपसी सौहार्द में बाधक बनने वाली संकीर्णताओं को प्रदेश के विकास में आड़े नहीं आने देंगे।

उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में संविधान का अपना महत्व है। इस संसदीय लोकतंत्र में हमने जनता को जनार्दन के स्वरूप में माना है। हमें जनता की खुशहाली के लिए प्रयास करना चाहिए। कोई भी समाज तभी खुशहाल और समृद्ध हो सकता है, जब उनमें आपस में बेहतर समन्वय और तालमेल हो। जहां व्यक्तिगत राग-द्वेष के लिए स्थान न हो, जहां व्यक्तिगत स्वार्थ किसी व्यक्ति, समाज या व्यवस्था की प्रगति में बाधक न हो। जब यह देश राष्ट्रीय पर्व के रूप में गणतंत्र दिवस मना रहा है तो स्वाभाविक तौर पर सबसे बड़े राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश के नागरिक के रूप में देश के संकल्पों के साथ हम सबको भी खुद को संबद्ध करने की प्रेरणा दे रहा है।

समता, न्याय और आपसी सद्भाव हमारे संविधान का मूल मंत्र है। भारत में हर जाति, मत और मजहब आपसी सद्भाव का परिचय देते हुए देश के विकास में योगदान दे सकें, इस दृष्टि से संविधान ने हमें एक सूत्र में जोडऩे का काम किया है। आज भारतवर्ष के गणतंत्र के 68 वर्ष पूर्ण होने पर मैं आप सभी को हृदय से बधाई देता हूं। आज पूरा देश अपने संविधान को अंगीकार करने का उत्सव मना रहा है।


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