एकल कानूनः 27 कानून खत्म कर सरकार बनाएगी उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम
प्रदेश सरकार निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना आसान बनाते हुए एक अलग अधिनियम बना रही है। अभी निजी विश्वविद्यालयों के लिए 27 अधिनियम हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश सरकार निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को आसान बनाते हुए इनका एक अलग अधिनियम बनाने जा रही है। अभी प्रदेश में सभी निजी विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग 27 अधिनियम हैं। इन सभी अधिनियम को समाप्त कर सरकार एकल अधिनियम उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम बनाने जा रही है। इस अधिनियम का प्रारूप तैयार उच्च शिक्षा की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। सरकार ने इसमें सुझाव मांगें हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने बताया कि प्रस्तावित अधिनियम के लिए सभी निजी विश्वविद्यालयों के साथ ही जन सामान्य से भी सुझाव मांगे गए हैं। यह सुझाव एक माह के अंदर ईमेल पर भेज सकते हैं। निर्धारित अवधि के बाद प्राप्त होने वाले सुझावों पर विचार नहीं किया जाएगा। प्रस्तावित अधिनियम में सरकार निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आने वाले प्रस्तावों का परीक्षण करने के लिए एक समिति बनाएगी। इसमें राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति, एक प्रोफेसर के अलावा उच्च शिक्षा व न्याय विभाग के विशेष सचिव होंगे। इसमें वित्त एवं लेखा के एक अधिकारी, एडीएम, पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता व रजिस्ट्रार भी होंगे। यह कमेटी एक माह में अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों के अनुसार ही संचालित होंगे। इनमें दाखिले भी यूजीसी के नियमों के अनुसार होंगे।
राज्यपाल होंगे निजी विश्वविद्यालयों के विजिटर
प्रदेश सरकार नए अधिनियम में निजी विश्वविद्यालयों में विजिटर का पद भी बना रही हैं। जिस प्रकार राज्य विश्वविद्यालयों में राज्यपाल कुलाधिपति होते हैं उसी प्रकार निजी विश्वविद्यालयों में वे विजिटर होंगे। विजिटर की ही उपस्थिति में दीक्षांत समारोह होंगे। साथ ही मानद उपाधि देने से पहले निजी विश्वविद्यालयों को विजिटर की अनुमति लेनी होगी।
अध्यक्ष होंगे विश्वविद्यालय के प्रमुख
निजी विश्वविद्यालयों में अध्यक्ष विश्वविद्यालय के प्रमुख होंगे। यह विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी द्वारा पांच साल के लिए नियुक्त होंगे। इसमें उपाध्यक्ष भी होंगे। इनकी नियुक्ति तीन साल के लिए होगी। साथ ही कुलपति की नियुक्ति पांच साल के लिए होगी।