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लोहिया अस्‍पताल का रूका बजट, सिरिंज से लेकर एंटीबायोटिक तक खत्म Lucknow News

लखनऊ के लोहिया अस्पताल के विलय के बाद रुका बजट। दवा से लेकर 12 विभागों में मुफ्त इलाज का संकट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 11:46 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 11:46 AM (IST)
लोहिया अस्‍पताल का रूका बजट, सिरिंज से लेकर एंटीबायोटिक तक खत्म Lucknow News
लोहिया अस्‍पताल का रूका बजट, सिरिंज से लेकर एंटीबायोटिक तक खत्म Lucknow News

लखनऊ [संदीप पांडेय]। लोहिया अस्पताल का लोहिया संस्थान में विलय हो गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल का बजट रुक गया है। लिहाजा, हॉस्पिटल ब्लॉक में मुफ्त इलाज का संकट गहरा गया है। फार्मेसी में कई दवाओं का स्टॉक खत्म हो गया है। ऐसे में मरीज दर-दर भटकने को मजूबर हैं।

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लोहिया अस्पताल (हॉस्पिटल ब्लॉक) के विलय का आदेश 27 अगस्त को जारी हुआ था। वहीं, लोहिया संस्थान प्रशासन ने छह सितंबर से मुफ्त चिकित्सकीय सेवाएं रन करने का दावा किया। विलय के बाद स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल का बजट रुक गया है। यह अब चिकित्सा शिक्षा विभाग का हो गया है। लिहाजा, हॉस्पिटल ब्लॉक के 12 विभागों में मुफ्त इलाज पर संकट खड़ा हो गया है। सबसे अधिक दिक्कत दवाओं को लेकर है। शुक्रवार से फार्मेसी सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। यहां रुई, सिरिंज से लेकर कई एंटीबायोटिक दवाएं खत्म हो गई हैं।

सर्जिकल सामान स्टॉक से गायब 

हॉस्पिटल ब्लॉक की फार्मेसी में शुक्रवार को ग्लव्स स्टॉक खत्म हो गया। यहां साइज नंबर 6.5, साइज नंबर 7, साइज नंबर 7.5 ग्लव्स स्टोर में खत्म हो गए। वहीं पांच, 10 एमएल एमएल सिरिंज, रुई, आंख के ऑपरेशन में आवश्यक ब्लेड कीरोटोन नहीं रही। प्रोसीजर से पहले डॉक्टरों ने तीमारदारों से ग्लव्स मंगवाए।

हृदय-शुगर की दवाएं खरीदीं 

ओपीडी में आए मरीज दवा के लिए भटकते दिखे। उन्हें हृदय रोग की दवा कोंवार्सिल-एम, स्किन की फ्लूकोनाजोल, शुगर की ग्लिम प्राइट 2 एमजी, सूजन की सेरेसियोपेप्टीडेज, थायरॉयड की थायरॉक्स मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ीं। इन दवाओं का स्टॉक निल रहा। वहीं सीफोपैरोजोम समेत तमाम एंटीबायोटिक इंजेक्शन नहीं थे। 

इन विभागों में इलाज प्रभावित 

हॉस्पिटल ब्लॉक में मेडिसिन, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी, नेत्र रोग विभाग, टीबी एंड चेस्ट, त्वचा रोग विभाग, मानसिक रोग विभाग, बाल रोग विभाग, ऑब्स एंड गाइनी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी हैं। यहां के वार्ड में भर्ती मरीजों को दवा, सामान खरीदना पड़ रहा है। वहीं धन न  होने से अन्य विभागों की सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

लोहिया अस्पताल-सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि अस्पताल को हैंडओवर कर दिया गया है। मैं अब बजट की मांग नहीं कर सकता हूं। लोहिया संस्थान प्रशासन को सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए पत्र लिख दिया है। 


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