सरकारी अस्पतालों में आउटसोर्सिंग संविदा कर्मियों का कार्य बहिष्कार, मरीज परेशान-बिना इलाज लौटे वापस Lucknow News
UPHSSP परियोजना के करीब 5000 कर्मचारियों की सेवाएं 31 अक्टूबर समाप्त कर दी गईं हैं। इसके विरोध में संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की ओर से आंदोलन जारी।
लखनऊ, जेएनएन। नॉन पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ के शनिवार को कार्य बहिष्कार के चलते बलरामपुर अस्पताल में पैथोलॉजी से लेकर अन्य जांचों के लिए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अपनी मांगों को लेकर संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी अस्पताल के गेट पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान अस्पताल की ओपीडी में आए मरीजों की भीड़ को काबू करने के लिए अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने मैनुअल पर्चे बनाए थे। वहीं, बहुत से मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा। यही हाल सिविल अस्पताल में दिखाई दिया। संविदा कर्मी नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ऑफिस पहुंचे हैं।
बता दें, बीते शुक्रवार को बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में कार्य बहिष्कार दिखाई दिया था। इस दौरान मरिजों को खाफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बलरामपुर की पैथोलॉजी में खून की जांच कराने आए प्रवेश सोनी, मेहरूनिसा व अन्य मरीजों का कहना था कि हड़ताल के चलते पर्चा नहीं बन पाया, इसलिए जांच भी नहीं हो सकी। वहीं, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने बताया कि सुबह टी एंड एम कर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते अस्पताल के दूसरे कर्मचारियों को काम पर लगाया।
तो इसलिए कर रहे प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेथनिंग प्रोजेक्ट (यूपीएचएसएसपी) परियोजना के करीब 5000 कर्मचारियों की सेवाएं 31 अक्टूबर समाप्त कर दी गईं हैं। इसके विरोध में संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की ओर से शुक्रवार को आंदोलन की शुरुआत की गई। एक नवंबर को सभी जिलों में अस्पतालों के मुख्य गेट पर सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक धरना प्रदर्शन दिया गया।